'सरकार पर कम करें निर्भरता, बढ़ाएं आय', CM योगी ने कहा, विकास परियोजनाओं में यथासंभव पीपीपी मॉडल अपनाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन के समग्र नगरीय विकास की योजना की समीक्षा की। कहा, इन नगरों का विकास केवल सड़कों और इमारतों के निर्माण तक सीमित न रहे। इनका विकास इस तरह किया जाए जिसमें स्थानीय पहचान, इतिहास, संस्कृति और आधुनिक सुविधाओं का संतुलन दिखे।
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन के समग्र नगरीय विकास की योजना की समीक्षा की। कहा, इन नगरों का विकास केवल सड़कों और इमारतों के निर्माण तक सीमित न रहे। इनका विकास इस तरह किया जाए जिसमें स्थानीय पहचान, इतिहास, संस्कृति और आधुनिक सुविधाओं का संतुलन दिखे। उन्होंने विकास परियोजनाओं के लिए अधिकारियों को रेवेन्यू शेयरिंग माडल पर निजी क्षेत्र का सहयोग लेने और यथासंभव पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) माडल अपनाने के निर्देश दिए।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से तीनों मंडलों के मंडलायुक्तों ने बारी-बारी से अपनी कार्ययोजना से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। अधिकारियों की सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास का उद्देश्य ऐसा शहरी ढांचा तैयार करना है जो यातायात को सुगम बनाए, पैदल यात्रियों और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दे, हरे-भरे शहरों की दिशा में आगे बढ़े और स्थानीय पहचान को मजबूत करे। नवाचार, बेहतर प्रबंधन और वित्तीय संयोजन पर ध्यान दिया जाए। परियोजनाओं के लिए यदि अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होगी तो उसे उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज की तर्ज पर अब मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन के लिए भी समेकित विकास माडल अपनाया जा रहा है। इन शहरों में कुल 478 परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार की गई है। मेरठ में 111, कानपुर में 109 और मथुरा-वृंदावन में 258 परियोजनाओं का विकास प्रस्तावित है। परियोजनाओं को अल्प, मध्यम और दीर्घकालिक श्रेणी में बांटकर समयसीमा तय की गई है। पहले चरण की कार्ययोजना में वर्ष 2025-26 में मेरठ में 11, कानपुर में 13 और मथुरा-वृंदावन में 14 प्राथमिक परियोजनाओं पर कार्य किया जाएगा।
मेरठ में बंबा बाइपास ग्रीन कॉरिडोर की तर्ज पर होगा विकसित
मुख्यमंत्री को बताया गया कि मेरठ में यातायात सुगमता के लिए बिजली बंबा बाइपास, लिंक रोड, हापुड़ अड्डा से गांधी आश्रम तक चौड़ीकरण, ईस्टर्न कचहरी रोड, सूरजकुंड चौराहा, कंय्यम नगर पार्क, 19 प्रमुख चौराहों पर जंक्शन इम्प्रूवमेंट, संजय वन, शताब्दी नगर एसटीपी से मोहकमपुर औद्योगिक क्षेत्र तक खराब पानी को वैज्ञानिक विधि से पुनः उपयोगी बनाने, यूनिवर्सिटी रोड क्षेत्रीय पुनर्विकास जैसी परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। मुख्यमंत्री ने मेरठ में प्रस्तावित बिजली बंबा बाइपास को लखनऊ ग्रीन कारिडोर की तर्ज पर पीपीपी मोड में विकसित करने की संभावना तलाशने के निर्देश दिए।
ग्रेटर कानपुर की योजनाओं पर चर्चा
कानपुर के संबंध में बताया गया है कि विकास का आधार ‘रूटेड इन लेगेसी, राइजिंग टू टुमारो’ की अवधारणा होगी। मैनावती मार्ग चौड़ीकरण, मल्टीलेवल पार्किंग, मास्टर प्लान सड़कों का निर्माण, ग्रीन पार्क के आसपास शहरी डिजाइन सुधार, मकसूदाबाद सिटी फारेस्ट, बाटनिकल गार्डन, वीआइपी रोड, रिवरफ्रंट लिंक, ग्रीनफील्ड कारिडोर, मेट्रो विस्तार के साथ ही ग्रेटर कानपुर की और योजनाओं के बारे में चर्चा हुई।
मथुरा-वृंदावन के विकास के लिए ‘विजन 2030’
मथुरा-वृंदावन के लिए प्रस्तुत मास्टर प्लान के तहत शहर को 'विजन-2030' के रूप में विकसित करने पर चर्चा हुई। बताया गया कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए स्ट्रीट फसाड डेवलपमेंट, मल्टीलेवल पार्किंग, बस पार्किंग, प्रवेश द्वारों का सुंदरीकरण, नए मार्गों का निर्माण, बरसाना-गोवर्धन-राधाकुंड कारिडोर सुधार, परिक्रमा मार्ग पर सुविधाएं और नगर प्रवेश से धार्मिक स्थलों तक संकेतक एवं प्रकाश व्यवस्था की योजना शामिल है।

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