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समाजवादी पार्टी के बाद विश्व हिंदू महासभा से जुड़े रणजीत बच्चन, साइकिलिंग का शौक

विश्व हिंदू महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रणजीत बच्चन समाजवादी पार्टी से भी जुड़े थे। वह समाजवादी पार्टी के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी करवाते रहे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 11:22 AM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 08:30 AM (IST)
समाजवादी पार्टी के बाद विश्व हिंदू महासभा से जुड़े रणजीत बच्चन, साइकिलिंग का शौक
समाजवादी पार्टी के बाद विश्व हिंदू महासभा से जुड़े रणजीत बच्चन, साइकिलिंग का शौक

लखनऊ, जेएनएन। विश्व हिंदू महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे गोरखपुर निवासी रणजीत बच्चन लंबे समय तक समाजवादी पार्टी में सक्रिय रहे। पत्नी कालिंदी निर्मल शर्मा से साथ रणजीत बच्चन ने शांति सद्भावना साइकिल यात्रा भी पूरी की थी। गोरखपुर में समाजवादी पार्टी के लिए कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराने वाले रणजीत ने दो विवाह किया । पहली पत्नी से उनका केस भी चल रहा है। 

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रणजीत उर्फ रंजीत बच्चन हर समय चर्चा में बने रहने की कोशिश करते थे। 2002 से 2009 के बीच भूटान, नेपाल बंगलादेश और बर्मा बार्डर तक 1.32 लाख किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर काफी चर्चित हुए थे। इस बड़ी साइकिल यात्रा के दौरान उनका जुड़ाव समाजवादी पार्टी से था। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के साथ ही खुद को वह हिंदू नेता के तौर पर स्थापित करने में जुटे थे। विश्व हिंदू महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रणजीत बच्चन समाजवादी पार्टी से भी जुड़े थे। वह समाजवादी पार्टी के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी करवाते रहे हैं। इसी कारण समाजवादी पार्टी की सरकार में उनको लखनऊ की ओसीआर बिल्डिंग में फ्लैट आवंटित किया गया था। रणजीत ने दो शादियां की थीं। उनकी पहली पत्नी गोरखपुर में रहती है, जिससे किसी वजह से उनका संबंध विच्छेद हो गया था। इसी मामले में रणजीत बच्चन के खिलाफ गोरखपुर में पारिवारिक रंजिश की एफआईआर भी दर्ज है। 

मूल रूप से गोला क्षेत्र में अहिरौली गांव के लाला टोले के रहने वाले तारा लाल श्रीवास्तव के पुत्र रणजीत बच्चन चार भाइयों में सबसे छोटे थे। गोरखपुर में शाहपुर क्षेत्र के कृष्णानगर प्राइवेट कालोनी में बड़े भाई का घर है। वह भी गोरखपुर में उन्हीं के साथ रहते थे। गुलरिहा क्षेत्र के पतरका टोले में चार वर्ष पहले उन्होंने जमीन खरीदी थी। उस जमीन पर अनाथ आश्रम बनवाने की घोषणा की थी। तत्कालीन डीएम से इसका शिलान्यास भी कराया था, लेकिन बाद में प्रदेश से सपा सरकार की विदाई होने के बाद अनाथ आश्रम की जगह अतिथि भवन का निर्माण शुरू करा दिया।

साइकिलिंग का शौक

गोरखपुर के गोला के अहरौली पंचगांवा में रहने वाले रणजीत बच्चन ने साइकिलिंग के शौक और शांति सद्भावना मिशन को पूरा करने के लिए चार फरवरी 2002 को कालिंदी निर्मल शर्मा के साथ साइकिल यात्रा शुरू की थी। दोनों भारत के बाद भूटान, बांग्लादेश, नेपाल और बर्मा के बॉर्डर एरिया तक पहुंचे। दोनों ने एक लाख बत्तीस हजार दो सौ पचास किमी की सफर तय कर भारत से 28 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की यात्रा पूरा की थी।

सात साल दस महीने और 13 दिन तक लगातार चली उनकी साइकिल सात्रा 18 दिसंबर 2009 को एमपी इंटर कॉलेज आकर खत्म हुई थी। रंजीत बच्चन की दूसरी पत्नी कुशीनगर के नेबुआ नैरंगिया के बैरवा पाट्टी की रहने वाली हैं। कालिंदी निर्मल शर्मा का नाम साइकिलिंग के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है। कालिंदी परिवार के साथ गोरखपुर के कृष्णा नगर मोहल्ले में रहती हैं।

वर्ष 2013 में पत्नी कालिंदी बच्चन के साथ छह माह तक प्रदेश में साइकिल यात्रा कर उन्होंने समाजवादी पार्टी का प्रचार भी किया था। अखिलेश यादव ने उन्हें और उनकी पत्नी को पांच-पांच लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया था। तत्कालीन प्रदेश सरकार ने लखनऊ के ओसीआर में उन्हें सरकारी आवास भी आवंटित किया था।

रणजीत ने की थी तीन शादियां

रणजीत बच्चन ने तीन शादियां की थी। पहली शादी काफी पहले परिवार के लोगों ने की थी। पहली पत्नी से एक बच्चा भी है। बाद में 2002 से 2009 के बीच साइकिल यात्रा के दौरान उनके साथ रहीं कुशीनगर जिले की कालिंदी निर्मल शर्मा से उन्होंने दूसरी शादी कर ली। कुछ वर्ष पहले लखनऊ में एक पीसीएस अधिकारी की बेटी निर्मला श्रीवास्तव से उन्होंने तीसरी शादी कर ली। शुरू में कालिंदी शर्मा और निर्मला श्रीवास्तव के बीच काफी विवाद हुआ था, लेकिन बाद में उनके बीच सहमति बन गई और साथ रहने लगीं। रणजीत की पहली पत्नी स्मृति गोरखपुर रहती हैं। दो दिन पहले रणजीत गोरखपुर में स्मृति से मिलने गए थे।

साली ने दर्ज कराया है दुष्कर्म का मुकदमा

रणजीत की दूसरी पत्नी कालिंदी शर्मा की बहन ने 2015 में शाहपुर थाने में रणजीत के विरुद्ध दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। यह मामला अभी कोर्ट में लंबित चल रहा है। 

सीएए पर दिया था भड़काऊ बयान

लखनऊ में रहने के दौरान ही रणजीत बच्चन चक्रपाणि महराज के संपर्क में आकर हिंदू महासभा से जुड़ गए थे। बाद में उन्होंने विश्व हिंदू महासभा का गठन कर खुद को अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया। खुद को हिंदू नेता के तौर पर स्थापित करने के लिए उन्होने भगवा कपड़े पहनना शुरू कर दिया था। कुछ दिन पहले ही सीएए पर भड़काऊ बयान देकर काफी चर्चाओं में आए थे। उन्होंने बयान दिया था कि जो लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए।

अमिताभ बच्चन को मानते थे अपना आदर्श

बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन के लुक और हेयर स्टाइल के दीवाने रणजीत बच्चन उनको अपना आदर्श मानते थे। उनके सहयोगियों का दावा है कि रणजीत बच्चन ने सात लाख से भी अधिक लोगों को शांति संदेश के लिए सायकिल यात्रा निकाली थी। मुलायम सिंह यादव ने उनको राज्य मंत्री का दर्जा भी दिया था।


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