रामपुर में सरकारी नंबरों का खेल! निजी वाहनों को बांटे गए जी सीरीज के नंबर, एआरटीओ निलंबित
रामपुर में सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित जी शृंखला के नंबरों को निजी वाहनों को आवंटित करने के मामले में परिवहन आयुक्त ने एआरटीओ प्रशासन राजेश कुमार श्रीवास्तव के निलंबन की संस्तुति की है। यूपी22बीजी शृंखला वाले निजी वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। रामपुर आरटीओ को एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं और संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। रामपुर में सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित ‘जी’ शृंखला के नंबरों को निजी वाहनों को आवंटित किये जाने का मामले में कार्रवाई की गई है। परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने रामपुर के एआरटीओ प्रशासन राजेश कुमार श्रीवास्तव के निलंबन की संस्तुति की है। साथ ही यूपी22बीजी शृंखला वाले निजी वाहनों का पंजीयन निरस्त कर दिया है।
रामपुर आरटीओ को एफआइआर दर्ज कराने और संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। रामपुर में यूपी22बीजी शृंखला जो कि उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली 1998 के नियम 51‑क(2)(एक) और 11 फरवरी 2004 की अधिसूचना के अनुसार केवल राजकीय वाहनों के लिए आरक्षित है, उसको निजी वाहनों को आवंटित किया गया। परिवहन आयुक्त ने 10 सितंबर को इस मामले की जांच के आदेश दिए थे।
निजी वाहनों को बांट दिए नंबर
जांच रिपोर्ट 12 सितंबर को सौंपी गई, जिसमें पता चला कि यूपी22बीजी नंबर का आवंटन 27 अप्रैल 2025 से 12 अगस्त 2025 तक हुआ था। इसी दौरान निजी वाहनों के लिए यूपी22बीएच शृंखला प्रारंभ हुई थी। यूपी 22 बीजी शृंखला के नंबर पर 9,469 निजी वाहनों का पंजीयन हुआ था। सभी फाइलों का अंतिम अनुमोदन रामपुर के एआरटीओ प्रशासन की यूजर आईडी से पाया गया।
तत्काल प्रभाव से शृंखला यूपी22बीजी को निलंबित व फ्रीज कर दिया गया है। इस मामले में एआरटीओ (प्रशासन) रामपुर के विरुद्ध निलंबन एवं मेजर पेनल्टी की विभागीय कार्यवाही के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
जुर्माना लगाने के आदेश दिए गए
संबंधित डीलिंग सहायक व रजिस्ट्रेशन क्लर्क के निलंबन और उन पर जुर्माना लगाने के आदेश दिए गए हैं। यूपी 22बीजी के अंतर्गत निजी स्वामित्व वाले सभी पंजीयन निरस्त हो गए हैं। इसलिए 60 दिनों के भीतर प्रचलित सामान्य निजी शृंखला से नए पंजीयन आवंटित किए जाएंगे।
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि नियम‑ विरुद्ध आवंटन की जांच की गई है। उत्तरदायी अधिकारियों व कर्मचारियों पर कड़ी विभागीय कार्रवाई होगी, साथ ही आपराधिक कार्यवाही भी नियमानुसार चलेगी।
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