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    राम गोपाल ने लिखा मुलायम को बेहद सख्त पत्र, मुलायम नाराज

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 17 Oct 2016 07:06 PM (IST)

    कभी नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के सामने दबी आवाज में बात करने वाले राष्ट्रीय महासचिव-राज्यसभा सदस्य राम गोपाल ने पत्र लिख कर उन्हें पार्टी के पतन के लिए जिम्मेदार ठहराया ।

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    लखनऊ (वेब डेस्क)। उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ दल समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े परिवार में चल रही जंग अब सतह पर दिक रही है। मुलायम सिंह यादव के चचेरे भाई तथा पार्टी के थिंक टैंक माने जाने प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पक्ष में मुलायम सिंह यादव को सख्त खत लिखा है। इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने दिल्ली में ही राम गोपाल के घर का रुख किया। माना जा रहा है मुलायम ने राम गोपाल के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की है।

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    कभी नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के सामने जोर दबी आवाज में बात करने वाले पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सदस्य राम गोपाल ने एक पत्र लिख कर उन्हें समाजवादी पार्टी के पतन के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इसके बाद मुलायम सिंह दिल्ली में रामगोपाल के घर पहुंचे जहां दोनों के बीच करीब तीन घंटे बात हुई।

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    उस खत का मजमून कुछ इस तरह है

    आदरणीय नेताजी सादर चरण स्पर्श

    समाजवादी पार्टी को आपने बड़ी मेहनत से बनाया था। पार्टी चार बार सत्ता में भी पहुंची। पिछली बार किसी अन्य दल के समर्थन की आवश्यकता भी नहीं पड़ी। उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार ने जो कार्य किए हैं वो पूरे देश के लिए पथ प्रदर्शक का कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी इस समय निर्विवाद रूप से प्रदेश के सबसे बड़े लोकप्रिय नेता हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों में जो कुछ हुआ उससे पार्टी का मतदाता निराश और हताश है और अब तो उसमें नेतृत्व के प्रति आक्रोश भी उत्पन्न हो रहा है।

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    लोगों को कष्ट यह है कि पहले नंबर पर चल रही पार्टी कुछ इन गिने चुने लोगों की गलत सलाह के चलते काफी पीछे चली गई है। आजकल यह जो लोग आपको सलाह दे रहे हैं, जनता की निगाह में उनकी हैसियत शून्य हो गई है। पार्टी जिसे चाहे उसे टिकट दे, लेकिन जीतेगा वही जिसकी हैसियत होगी और पार्टी तभी चुनाव जीतेगी जब पार्टी का चेहरा अखिलेश यादव होंगे।

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    अगर आप चाहते हैं कि पार्टी फिर 100 से नीचे चली जाए तो आप चाहें जो फैसला लें, लेकिन एक बात याद रखें कि जो जनता आपकी पूजा करती है, समाजवादी पार्टी बनाने के लिए, वही जनता पार्टी के पतन के लिए आपको और केवल आपको दोषी ठहराएगी। इतिहास बहुत निष्ठुर होता है, यह किसी को बख्शता नहीं।

    सादर आपका,

    रामगोपाल यादव

    15 अक्टूबर, 2016

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    रामगोपाल ने अमर सिंह पर भी चोट की है और उनका नाम लिए बिना कहा है कि जो आजकल आपको सलाह दे रह है, जनता कि निगाह में उनकी हैसियत शून्य हो गई है। समझा जाता है मुलायम सिंह यादव व रामगोपाल यादव के बीच यह राह बनी है कि अखिलेश को नई पार्टी बनाने से रोकना होगा।