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    Raja Kolander: इंसानी खोपड़ी का सूप बनाकर पीता था, कई हत्याएं की; नरपिशाच राजा कोलंदर को उम्रकैद

    Updated: Fri, 23 May 2025 06:27 PM (IST)

    लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने राजा कोलंदर उर्फ राम निरंजन को उम्रकैद की सजा सुनाई। उस पर सुनियोजित तरीके से साजिश रचकर चारबाग से टाटा सूमो बुक करके मालिक और ड्राइवर की हत्या का आरोप है। कोर्ट ने उस पर ढाई लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में उसकी पत्नी फूलन देवी सहित 4 लोगों को पहले ही उम्रकैद की सजा हो चुकी है।

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    नरपिशाच राजा कोलंदर को उम्रकैद की सजा। (तस्वीर जागरण)

    विधि संवाददाता, लखनऊ। राजा कोलंदर उर्फ राम निरंजन को लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। सुनियोजित तरीके से साजिश रचकर चारबाग इलाके से टाटा सूमो बुक कर मालिक तथा ड्राइवर की हत्या कर शव को शत विक्षिप्त हालत में फेकने के मामले में दोषी पाया गया। 

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    उम्रकैद भोगने सहित ढाई लाख रुपए का जुर्माना भी भरना पड़ेगा। पत्नी फूलन देवी सहित 4 लोगों को भी इसी मामले में पहले ही उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। 23 मई को हुए इस फैसले में दोहरे हत्याकांड के मामले में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश (आयुर्वेद प्रकरण) रोहित सिंह ने राजा कोलंदर तथा बच्छराज कोल को सजा सुनाई है।

    ये है पूरा मामला

    इस मामले में वादी शिव हर्ष सिंह ने 27 जनवरी 2000 में थाना नाका में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया गया कि उनकी टाटा सूमो यूपी 32 जेड 2423 उनका भतीजा मनोज कुमार सिंह तथा ड्राइवर रवि श्रीवास्तव लखनऊ इलाहाबाद रोड पर सवारियों को ढोने के लिए चलाते थे। उक्त वाहन को 23 जनवरी 2000 को दिन में एक महिला समेत 6 लोग सवार होकर चाकघाट रीवा (मध्य प्रदेश) ले गए, तब से न गाड़ी वापस आई और न ही दोनों लोग।

    उक्त सभी व्यक्तियों को उन लोगो ने स्वयं अपने हरचनपुर स्थित घर में देखा था, जहां वे लोग रीवा जाते समय नाश्ते पानी के लिए रुके थे। जिसके बाद पुलिस ने गाड़ी तथा व्यक्तियों के अपहरण का मुकदमा दर्ज कर जांच प्रारंभ की।

    विवेचना के दौरान मामले के अभियुक्त राजा कोलंदर उर्फ राम निरंजन, उसकी पत्नी फूलन देवी, उनका 1 नाबालिग बेटा, बच्छराज कोल, दिलीप गुप्ता तथा दद्दन सिंह कोल के नाम प्रकाश में आए। सभी अभियुक्त प्रयागराज के ही निवासी थे, तथा कोल जाति से आते थे।

    अपहृत व्यक्तियों के परिजनों द्वारा खोजबीन करने पर 3 दिन बाद पता चला कि शंकरगढ़ स्थित जंगल में कुछ अज्ञात लोगों की क्षत विक्षिप्त लाशे पड़ी है। वहां जाने पर परिजनों ने मृतकों की पहचान की, जिसके बाद 30 जनवरी 2000 को दोनों मृतकों की लाशें पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दी गईं।

    इसी दौरान इलाहाबाद (प्रयागराज) में 19 दिसंबर 2000 को पत्रकार धीरेन्द्र प्रताप सिंह के अपहरण और हत्या के मामले में राजा कोलंदर तथा उसके साथियों की गिरफ्तारी हुई। पुलिस को दोषी के पास मृतक मनोज कुमार सिंह की टाटा सूमो यूपी 32 जेड 2423 तथा उसके घर से मृतक रवि श्रीवास्तव का कोट भी बरामद हुआ, जिसे मृतकों के परिजन ने पहचाना।

    पुलिस द्वारा गहन जांच पड़ताल करने पर दोषी राजा कोलंदर की अनेक शहरों में ऐसे ही लगभग 10 अपराधों में संलिप्ता पाई गई थी। पत्रकार हत्या मामले में राजा कोलंदर तथा बच्छराज कोल को अपर सत्र न्यायधीश इलाहाबाद द्वारा 30 नवंबर 2012 को उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। दोषी के लंबे आपराधिक इतिहास के ऊपर ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर 1 सीरीज भी बनाई जा चुकी है।