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    Rain Water Harvesting: समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश, 100 वर्ग मीटर से बड़े भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग जरूरी

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 03:23 PM (IST)

    Rain Water Harvesting In UP मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 100 वर्ग मीटर से बड़े सभी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। वर्ष 2017 तक प्रदेश में 82 अतिदोहित व 47 क्रिटिकल क्षेत्र थे। राज्य सरकार के प्रयासों से इनकी संख्या में कमी आई।

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    नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति विभाग (लघु सिंचाई) की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : प्रदेश में सौ वर्ग मीटर से बड़े भवनों में अब रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह निर्देश दिया है। कहा, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए यह कदम निर्णायक साबित होगा। उन्होंने एक अप्रैल से 15 जून तक कुम्हारों को तालाबों से मुफ्त में मिट्टी निकालने की छूट प्रदान किए जाने का निर्देश भी दिया।

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    योगी आदित्यनाथ ने नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति विभाग (लघु सिंचाई) की समीक्षा बैठक में बढ़ते जल संकट पर चिंता जताई। कहा कि चेक डैम, तालाब व ब्लास्टकूप वर्षा जल को रोककर उसे धीरे-धीरे भूमि में समाहित होने देते हैं। ‘एक पेड़ मां के नाम’ की तर्ज पर जनांदोलन बनाते हुए चेक डैम, तालाब व ब्लास्टकूप का निर्माण एवं जीर्णोद्धार कराए जाने का निर्देश दिया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 100 वर्ग मीटर से बड़े सभी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। वर्ष 2017 तक प्रदेश में 82 अतिदोहित व 47 क्रिटिकल क्षेत्र थे। राज्य सरकार के प्रयासों से इनकी संख्या में कमी आई। वर्ष 2024 में 50 अतिदोहित व 45 क्रिटिकल क्षेत्र रह गए। इस दिशा में और तेजी लाकर आने वाले वर्षों में इन क्षेत्रों को पूरी तरह सामान्य श्रेणी में लाने का प्रयास किया जाए।

    योगी आदित्यनाथ ने कहा, प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय/बरसाती नदी/नालों में 6,448 चेकडैमों का निर्माण किया जा चुका है। प्रत्येक चेकडैम से औसतन 20 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता विकसित होती है। इस प्रकार निर्मित चेकडैमों से कुल 1,28,960 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित हुई है। इसे प्रत्येक वर्ष 10 हजार हेक्टेयर मीटर से अधिक भूजल रिचार्ज हो रहा है। इन प्रयासों से किसान वर्ष में दो से तीन फसल लेने में सक्षम हुए हैं।

    वर्षा जल संचयन और ग्राउंड वाटर रीचार्जिंग की दिशा में प्रदेश सरकार लगातार कदम उठा रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 से अब तक 1,002 चेकडैमों की डी-सिल्टिंग व मरम्मत कर उनकी क्षमता में वृद्धि की गई है। इसी तरह प्रदेश के एक से पांच हेक्टेयर के 16,610 तालाबों में से 1,343 का जीर्णोद्धार किया गया है। वर्ष 2017 से 2025 तक 6192 ब्लास्टकूप के माध्यम से 18,576 हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित हुई है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश से पहले एक अप्रैल से 15 जून तक कुम्हारों को तालाब से मुफ्त मिट्टी निकालने की छूट दी जाए, जिससे तालाब रीचार्ज के लिए तैयार हो सकें। बारिश के बाद इन्हें मत्स्य पालन और सिंघाड़ा उत्पादन के उपयोग में लाकर रोजगार के अवसर सृजित किए जाएं। हर जिले में तालाबों, ब्लास्टकूपों व चेकडैमों की फोटोग्राफी कराकर रिकार्ड रखे जाने का निर्देश भी दिया।