ट्रेन में लोड होने से पहले पार्सल खोलकर होगी जांच, शताब्दी एक्सप्रेस हादसे के बाद रेलवे अलर्ट
स्कैनर जैसी आधुनिक सुविधा का अभाव शताब्दी एक्सप्रेस हादसे का कारण बन गया। रेलवे में आज तक पार्सल की चेकिंग के लिए स्कैनर की व्यवस्था नहीं की जा सकी है जबकि दोपहिया वाहनों को भी पेट्रोल निकालकर लादा जाता है।
लखनऊ, जेएनएन। ज्वलंतशील व संदिग्ध पार्सल की चेकिंग के लिए स्कैनर जैसी आधुनिक सुविधा का अभाव शताब्दी एक्सप्रेस हादसे का कारण बन गया। रेलवे अब इस तरह की घटना को रोकने के लिए संदिग्ध पार्सल को खोलकर उनकी जांच करेगा। यदि पार्सल ज्वलंतशील या यात्रियों के लिए असुरक्षित निकला तो बुकिंग कराने वाले व्यक्ति को रेलवे एक्ट के तहत जेल भेजा जाएगा। डीआरएम संजय त्रिपाठी और सीनियर डीसीएम जगतोष शुक्ल ने पार्सल की बुकिंग को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं।
दरअसल शनिवार की सुबह नई दिल्ली से लखनऊ आ रही शताब्दी एक्सप्रेस के लगेज यान में आग लग गई थी। आग लगने का कारण लगेज यान में गलत जानकारी देकर ज्वलंतशील पदार्थ और बैट्री की बुकिंग करना बताया जा रहा है। हालांकि रेलवे में टैक्स चोरी करने के लिए दिल्ली, कोलकाता और मुंबई से आने वाली ट्रेनों के पार्सल गलत सूचना पर बुक किए जाते हैं। पार्सल कर्मचारियों की मिलीभगत से उनको सब्जी, सुपारी व विविध वस्तुओं के नाम पर बुक किया जाता है।
रेलवे के पास पार्सल चेकिंग के लिए स्कैनर की व्यवस्था नहीं : रेलवे में आज तक पार्सल की चेकिंग के लिए स्कैनर की व्यवस्था नहीं की जा सकी है, जबकि दोपहिया वाहनों को भी पेट्रोल निकालकर लादा जाता है। सोमवार को चारबाग रेलवे स्टेशन के निदेशक सुदीप सिंह ने पार्सल घर का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने मुख्य पार्सल अधीक्षक पीके ओझा को बुकिंग में दर्शायी वस्तु के ही पार्सल में बुकिंग कराए जाने को सुनिश्चित करने की बात कही।