हैकरों के सॉफ्टवेयर पर रेलवे की नजर, RPF की स्पेशल टीम गठित
सॉफ्टवेयर की मदद से आइआरसीटीसी की वेबसाइट के एप्लीकेशन सुबह 10 बजे तत्काल कोटे की बुकिंग शुरू होने से पहले ही खुल जाते हैं।
लखनऊ (जेएनएन) । भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) की वेबसाइट में सेंध लगाकर तत्काल कोटे के ई टिकट बनाने वाले हैकरों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। रेलवे ने लखनऊ सहित कई शहरों में अधिक तत्काल टिकट बनाने वाले सिस्टम के आइपी एड्रेस से ब्योरा खंगालना शुरू कर दिया है। लखनऊ में भी करीब दो दर्जन इलाकों में हो रहे खेल पर रेलवे की नजर है। इसके लिए आरपीएफ ने एक स्पेशल टीम भी बना दी है।
छह साल पहले बना था सॉफ्टवेयर
मुंबई में छह साल पहले बनाए गए सॉफ्टवेयर से अब लखनऊ और बहराइच तक से सिंडीकेट तत्काल टिकट बना रहे हैं। इन सॉफ्टवेयर की मदद से आइआरसीटीसी की वेबसाइट के एप्लीकेशन सुबह 10 बजे तत्काल कोटे की बुकिंग शुरू होने से पहले ही खुल जाते हैं। इसमें हैकर और दलाल यात्रियों के नाम सहित सारा विवरण भर लेते हैं। ऑनलाइन पेमेंट के लिए भी क्रेडिट व डेबिट कार्ड के नंबर उनके पिन सहित अपलोड हो जाते हैं। जैसे ही 10 बजे एसी का तत्काल खुलता है यह दलाल इंटर का बटन दबाकर टिकट बना लेते हैं। लखनऊ में एक साल के दौरान ही पान दरीबा सहित कई इलाकों से 14 ऐसे दलाल फर्जी सॉफ्टवेयर के साथ पकड़े गए हैं जिन्होंने हजारों की संख्या में तत्काल कोटे के ई टिकट बनाए थे।
फर्जी आइडी के जरिए चल रहा धंधा
इस बार दीपावली के बाद 10 और 11 नवंबर को दिल्ली सहित कई शहरों की ओर जाने वाली ट्रेनों में भीड़ होगी। इसे देखते हुए तत्काल कोटे के टिकट जिन आइपी एड्रेस पर फर्जी आइडी के जरिए बन रहे हैं, उनको चिह्नित किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड के आरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक आइआरसीटीसी और क्रिस की मदद से ऐसे आइपी एड्रेस का ब्योरा खंगाला जा रहा है। बोर्ड स्तर से एक टीम उन शहरों में तैनात आरपीएफ पोस्ट को सीधी सूचना देगी जहां से अधिक टिकट बन रहे हैं। लखनऊ में भी रेलवे की क्राइम ब्रांच ने इनपुट के आधार पर काम शुरू कर दिया है।