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    अगले महीने लखनऊ में जुटेंगे देश भर के रेलवे कर्मचारी नेता, मगर क्यों? नए श्रम कानूनों पर भी होगा मंथन

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 05:41 PM (IST)

    देश भर के रेलवे कर्मचारी नेता अगले महीने लखनऊ में जुटेंगे। चारबाग स्टेडियम में ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन का 101वां वार्षिक अधिवेशन होगा, जिसमें नए श्रम कानूनों पर मंथन किया जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी शामिल हो सकते हैं। कर्मचारी वेतन आयोग, पेंशन, आवास और अन्य सुविधाओं से संबंधित मांगों पर चर्चा करेंगे।

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ । देश भर के रेलवे कर्मचारी और उनके प्रतिनिधि अगले महीने लखनऊ में जुटेंगे। वह चारबाग स्टेडियम में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के 101वें वार्षिक अधिवेशन हिस्सा लेंगे। इस अधिवेशन में 21 नवंबर को लागू नए श्रम कानूनों को लेकर भी मंथन किया जाएगा।

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    एआइआरएफ इस बार लखनऊ में 22 से 24 दिसंबर तक वार्षिक अधिवेशन आयोजित करेगा। इस अधिवेशन में सभी रेल मंडलों के कर्मचारी और उनके प्रतिनिधि शामिल होंगे। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव भी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। फेडरेशन के केंद्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्र की उपस्थिति में नए श्रम कानूनों को लेकर संबंधित पक्षकारों से चर्चा कर इसकी विसंगतियों को दूर करने की मांग उठेगी।

    इसके अलावा आठवें वेतन आयोग में गैर वित्तीय एवं गैर अंशदायी पेंशन के विषय को समाप्त करने, संवर्ग पुर्नगठन को अंतिम रूप देकर इसे एक नवंबर 2023 से लागू करने, रेल आवासों, कार्यालयों, रनिंग एवं रेस्ट रूम, सड़क व नालियों की मरम्मत कर सुधार लाने, नए कार्यों के लिए अतिरिक्त पदों का सृजन करने, विभिन्न कोटियों के रिक्त पदों को भरने की भी मांग उठायी जाएगी।

    वहीं, एकीकृत पेंशन योजना में कर्मचारी अंशदान को ब्याज के साथ सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारियों को देने, गेटमैन, प्वाइंट्समैन सहित अन्य कोटियों में अधिकतम आठ घंटे काम करने और अतिरिक्त कार्य करने पर ओवरटाइम देने पर भी मंथन होगा।

    रेलवे कर्मचारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर उनके आश्रितों को भर्ती करने की लार्सजेस योजना को फिर से लागू करने, रनिंग कर्मचारियों को 4600, 4800 और 5400 ग्रेड पे का लाभ देने और 25 प्रतिशत माइलेज दर एक जनवरी 2024 से जारी करने, रेलवे कर्मचारियों के माता-पिता को भी निश्शुल्क यात्रा वाला रेलवे पास, रियायती आदेश और चिकित्सीय सेवाओं के लिए आश्रित बनाने की मांग को लेकर कई वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों के सामने चर्चा की जाएगी।