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    Lucknow News: 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगने वाले कर्मचारी गिरफ्तार, कृष्णानगर पुलिस ने किया राजफाश

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 03:34 PM (IST)

    लखनऊ के कृष्णानगर में एमसीसी हॉस्पिटल के मालिक डॉ. देवेश रजानी से रंगदारी मांगने के आरोप में दो रेलवे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने डॉक्टर से इलाज के विवाद का बदला लेने के लिए यह योजना बनाई। उन्होंने ई-रिक्शा चालक के माध्यम से रंगदारी का पत्र भेजा था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और ई-रिक्शा चालक की मदद से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

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    20 लाख रुपये की रंगदारी मांगने वाले कर्मचारियों को किया गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। कृष्णानगर के एमसीसी हास्पिटल के मालिक डृा. देवेश रजानी से रेलवे के दो कर्मचारियों ने 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। पुलिस ने इस घटना राजफाश कर दिया है। आरोपित कर्मचारियों को रविवार देर रात गिरफ्तार किया है। सोमवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

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    डीसीपी दक्षिणी निपुण अग्रवाल के मुताबिक पकड़े गये आरोपितों में हरदोई का बरहा रेलवे कालोनी निवासी उमेश कुमार मौर्य और बड़ा बरहा निवासी सुजीत कुमार लोधी है। दोनों रेलवे में टेक्नीशियन के पद पर तैनात है। दोनों की पहचान ई-रिक्शा चालक ने भी की है। जिससे रंगदारी का पत्र भेजा था।

    आरोपित उमेश ने पूछताछ में बताया कि उसने अपनी मां और पत्नी का इलाज एमसीसी अस्पताल में कराया था। इलाज और भुगतान को लेकर मार्च 2025 में उसका डाक्टर देवेश रजानी से विवाद हो गया था। इसका बदला लेने के लिए साथी सुजीत के साथ मिलकर रंगदारी मांगने की योजना बनाई।

    पूछताछ में सामने आया कि आरोपितों ने रंगदारी का पत्र भेजने के लिए ई-रिक्शा चालक को पकड़ा। उसे 20 रुपये दिए। साथ में एक लिफाफा और कहा कि इसे एमसीसी अस्पताल तक पहुंचा दे। ई-रिक्शा चालक ने लिफाफा अस्पताल के गार्ड को पकड़ा दिया। वहां से चला गया।

    आरोपितों ने चिट्ठी में नक्शा बनाकर रुपये लेने का तरीका भी बताया था। उम्मीद थी कि डर के कारण डाक्टर रुपये दे देगा। तय जगह पर डाक्टर नहीं पहुंचा। वह लगातार कुछ दूरी पर खड़े होकर निगरानी कर रहे थे। इसके बाद मामला इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया।

    डीसीपी दक्षिणी के निर्देश पर डा. देवेश रजानी को छह सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराये गए। करीब 350 सीसी कैमरों की फुटेज खंगाले गये। पुलिस ने 27 अगस्त को रेलवे में तैनात दोनों टेक्नीशियन को हिरासत में ले लिया।

    काफी पूछताछ के बाद भी कुबूल नहीं कर रहे थे। इसके बाद पुलिस ने ई-रिक्शा चालक को जब सामने पेश किया तो आरोपितों ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। एसीपी ने बताया कि आरोपी उमेश के खिलाफ हरदोई के बघौली थाने में 2015 में हत्या की रिपोर्ट दर्ज है। इस मामले में वह जमानत पर है।