'रेलवे और विमानन उद्योग इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को दे सकता है नई दिशा', राजीव ठाकुर बोले- विशेषज्ञों ने तैयार की भविष्य की रूपरेखा
रेलवे और विमानन उद्योग राज्य के औद्योगिक विकास व व्यापार को नई दिशा दे सकते हैं, बशर्ते इनके लिए स्पष्ट लक्ष्य तय किए जाएं। उत्तर प्रदेश से निर्यात लगातार बढ़ रहा है, और हवाई अड्डों का विस्तृत नेटवर्क निवेश व निर्यात बढ़ाने में सहायक होकर राज्य के औद्योगिक भविष्य को मजबूत करेगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। रेलवे व विमानन उद्योग राज्य के औद्योगिक विकास और व्यापार को नई दिशा दे सकता है। इसके लिए जरूरी है कि इस क्षेत्र के लिए लक्ष्य निर्धारित कर काम किया जाए। उत्तर प्रदेश से निर्यात में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। हवाई अड्डों का नेटवर्क निवेश और निर्यात को बढ़ाने में मददगार सिद्ध होगा और राज्य का औद्योगिक भविष्य सुदृढ़ करेगा।
बुधवार को सेंट्रम होटल में 'विकसित उत्तर प्रदेश-2047' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इन्वेस्ट यूपी द्वारा आयोजित कान्फ्रेंस में नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव राजीव ठाकुर ने कहा कि विमानन भविष्य के लिए अत्यधिक संभावनाओं वाला क्षेत्र है। इसके विस्तार के बिना औद्योगिक विकास संभव नहीं है। राज्य परिवर्तन आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि औद्योगिक भूमि आवंटन की बेहतर प्रक्रिया, निवेश परियोजनाओं की निगरानी व कौशल विकास 'विकसित यूपी-2047' का प्रमुख स्तंभ हैं।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त दीपक कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। स्पष्ट नीतियों और उद्योग-अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र के कारण उत्तर प्रदेश वैश्विक औद्योगिक शक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
सभी पक्षों की आकांक्षाओं को दिया गया स्थान
औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने कहा कि विकसित उत्तर प्रदेश-2047 का विजन डाक्यूमेंट में सभी पक्षों की आकांक्षाओं को स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक और विनिर्माण क्षेत्र के साथ सेवा क्षेत्र को भी आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। निवेश बढ़ाने को ईज आफ डूइंग बिजनेस व अवस्थापना सुविधाओं में विस्तार जरूरी है।
नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा कि राज्य में विश्वस्तरीय एक्सप्रेसवे नेटवर्क तेजी से तैयार किया जा रहा है। एमएसएमई, ऊर्जा, शिक्षा व स्वास्थ्य सहित 12 प्रमुख क्षेत्रों में राज्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है, लेकिन एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करने में अन्य क्षेत्रों की भी अहम भूमिका होगी।
उत्तर प्रदेश में 536 खादी समितियां
वस्त्र और हथकरघा विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 536 खादी समितियां हैं। उत्तर प्रदेश दरी एवं कालीन उत्पादन में देश में अग्रणी है। कच्चे माल की उपलब्धता के साथ खादी उत्पादन को और विस्तार दिया जा सकता है।
वहीं, नीति आयोग के कार्यक्रम निदेशक इश्तियाक अहमद ने बताया कि भारत का 55 प्रतिशत मोबाइल फोन उत्पादन उत्तर प्रदेश में हो रहा है।
इन्वेस्ट यूपी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी शशांक चौधरी ने कहा कि निवेश मित्र 3.0 पोर्टल के जरिए निवेशकों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं आनलाइन उपलब्ध कराई गई हैं। कान्फ्रेंस में विशेषज्ञों ने राज्य की औद्योगिक दिशा तय करने के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार की।

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