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    कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली में दिया राष्ट्र विरोधी बयान, लखनऊ की कोर्ट में वाद दायर

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 12:30 PM (IST)

    Congress MP Rahul Gandhi सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री एवं अधिवक्ता नृपेन्द्र पाण्डेय ने एमपीएमएलए मामलों के विशेष मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा के न्याय कक्ष में दायर किया है। बताया गया कि 15 जनवरी 2025 को मुख्यालय के लोकार्पण पर राहुल गांधी ने राष्ट्र विरोधी बयान दिया उन्होंने कहा था कि वह भारत राष्ट्र के खिलाफ लड़ रहे हैं।

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    रायबरेली से कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी

    विधि संवाददाता, लखनऊ : कांग्रेस मुख्यालय, नई दिल्ली के नये कार्यालय के लोकार्पण के दौरान लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के एक बयान से लखनऊ के एक अधिवक्ता बेहद क्षुब्ध हो गये। लखनऊ के अधिवक्ता नृपेन्द्र पाण्डेय ने राहुल गांधी के कथित बयान से आहत होकर कोर्ट में उनके खिलाफ परिवाद दर्ज कराया है। न्यायालय ने अग्रिम कार्यवाही करते हुए वादी के बयान दर्ज करने के लिए आगामी एक अक्टूबर की तिथि नियत कर दी।

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    कोर्ट के समक्ष यह परिवाद सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री एवं अधिवक्ता नृपेन्द्र पाण्डेय ने एमपीएमएलए मामलों के विशेष मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा के न्याय कक्ष में दायर किया है। बताया गया कि 15 जनवरी 2025 को मुख्यालय के लोकार्पण पर राहुल गांधी ने राष्ट्र विरोधी बयान दिया, उन्होंने कहा था कि वह भारत राष्ट्र के खिलाफ लड़ रहे हैं।

    शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि नई दिल्ली में नवनिर्मित कांग्रेस मुख्यालय, इंदिरा भवन के उद्घाटन के दौरान राहुल गांधी ने यह बयान दिया था। याचिका के अनुसार राहुल गांधी के शब्दों का अर्थ है कि कांग्रेस पार्टी भारतीय गणराज्य के विरुद्ध लड़ रही है। यह राष्ट्र के विरुद्ध बयान से कम नहीं था। उन्होंने तर्क दिया कि भारतीय राज्य शब्द भारत के लोगों और सभी संवैधानिक संस्थाओं, संसद, विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को दर्शाता है, जो मिलकर भारतीय गणराज्य का निर्माण करते हैं।

    उस दौरान रायबरेली से कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी के साथ कार्यक्रम में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, केरल के वायनाड से सांसद प्रियंका वाड्रा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा सदस्य के सी वेणु गोपालन एवं जय राम रमेश भी उपस्थित थे। जिनकी भी मौन सहमति मानी जा रही है। अधिवक्ता का कहना है कि इन सभी का राहुल का बयान का विरोध न करना भी इस आरोप में शामिल होने के बराबर है।

    शिकायत में आगे कहा गया कि राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह अब भाजपा, आरएसएस और भारतीय गणराज्य के खिलाफ लड़ रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष का यह बयान देश को तोड़ने वाला है, जिस वजह से सभी विपक्षी आरोपितों को तलब कर उनका विचारण किया जाए।

    राहुल गांधी के पहले के भाषणों का दिया हवाला

    वकील ने दावा किया कि राहुल गांधी के राष्ट्र-विरोधी बयान ने भारत माता और भारत के 140 करोड़ लोगों का अपमान किया। याचिका में गांधी के पहले के भाषणों और विवादों का भी हवाला दिया गया ताकि यह तर्क दिया जा सके कि उनके कार्य और टिप्पणियां 'विदेशी और राष्ट्र-विरोधी शक्तियों' के प्रभाव में एक 'सुनियोजित साजिश' का हिस्सा हैं।

    देश को अस्थिर करने के इरादे से राष्ट्रविरोधी बयान

    अधिवक्ता नृपेन्द्र पाण्डेय ने ने याचिका में राहुल गांधी पर देश को अस्थिर करने के इरादे से राष्ट्रविरोधी बयान देने का आरोप लगाया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश को विपक्षी पक्षकार बनाते हुए आरोप लगाया कि चूंकि वे उस कार्यक्रम में मौजूद थे, जहां यह टिप्पणी की गई, इसलिए उन्हें भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए। शिकायत में आरोप लगाया गया कि गांधी की टिप्पणी भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता पर हमला है। यह टिप्पणी जबान फिसलने के कारण नहीं है, बल्कि पूरी तरह से सचेत होकर, जानबूझकर और देश को अस्थिर करने के इरादे से की गई।