Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फर्जी डाक्यूमेंट बनाकर करोड़ों की संपत्ति हड़पने की साजिश, खुलासा होने पर चार के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 07:58 PM (IST)

    लखनऊ में जालसाजों ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे करोड़ों की संपत्ति हड़पने की साजिश की। पीड़ित प्रताप नारायण सिंह की शिकायत पर पता चला कि उनकी माता के भूखंड को धोखे से बेचा गया। आरोपियों ने फूलमती बनकर आशा देवी को पेश किया और कई लोगों को जमीन रजिस्ट्री कर दी। जांच में लोन का भी खुलासा हुआ।

    Hero Image
    फर्जी दस्तावेज की मदद से करोड़ों की संपत्ति हड़पने की साजिश।

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। जालसाजों ने फर्जी दस्तावेज की मदद से करोड़ों रुपये की संपत्ति हड़पने की साजिश कर रजिस्ट्री करा ली। जानकारी होने पर पीड़ित ने रजिस्ट्री कार्यालय में जांच कराई। जांच में चार लोगों के फर्जीवाड़ा में शामिल होने की जानकारी हुई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके बाद पीड़ित विजय नगर निवासी प्रताप नारायण सिंह ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने में शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद कोर्ट की

    मदद से मुकदमा दर्ज कराया

    विजयनगर निवासी प्रताप नारायण सिंह के मुताबिक उनकी माता फूलमती ने खरिका में 9003 वर्गफीट भूखंड को दुर्गा प्रसाद से रजिस्ट्री कराई थी। यह रजिस्ट्री 25 अगस्त 2009 में हुई थी। वर्तमान समय में यह भूखंड उनके कब्जे में है। पटेल नगर निवासी प्रकाश सिंह, बिष्ट कैंट के तोपखाना निवासी मनोज कुमार की बेटी रोशनी कुमार और बेटा मनीष कुमार, और तोपखाना बाजार दिलकुशा निवासी आशा देवी ने मिलकर फर्जीवाड़ा कर बेच दिया।

    आशा देवी जो फूलमती बनी थी। वह रोशनी व मनीष की सगी नानी हैं। प्रकाश ने फूलमती के फर्जी दस्तावेज तैयार किया। इसके बाद तीनों ने मिलकर उनके स्थान पर आशा को खड़ा कर कई लोगों को रजिस्ट्री कर दी। जानकारी होने पर जांच कराया गया तो सारी हकीकत सामने आ गई।

    जांच में सामने आया कि 9000 वर्गफीट भूखंड को आरोपितों ने पांच लोगों को रजिस्ट्री की है। इन सारे भूखंडों को खरीदने वालों ने लोन भी करा लिया है। जिन पांच लोगों को रजिस्ट्री की गई है। उनमें महेश कुमार को दो बार में एक हजार और 850 वर्गफीट भूखंड बेची।

    इस भूखंड को रजिस्ट्री कराने में महेश ने पीएनबी और एलआइसी से लोन भी करा लिया है। वहीं, तामिलनाडु के तिरुनावल्ली निवासी कवियारसन पी को 750 वर्गफीट रजिस्ट्री की। इस पर भी पीएनबी एचएफ से लोन है।

    खरिका निवासी अभिषेक थापा को 750 वर्गफीट जमीन रजिस्ट्री की। इस पर पीएनबी एचएफ से लोन है। वहीं, बचे हुए भूखंड में 850 वर्गफीट की पांचवी रजिस्ट्री महेश कुमार के नाम की। जिस पर महेश ने बैंक ऑफ महाराष्ट्रा की अलीगंज शाखा से लोन करा लिया है।

    बैंक से नोटिस सामने आने के बाद खुली साजिश

    प्रताप के मुताबिक इन भूखंडों पर बने मकानों का निर्माण बैंकों से लोन लेकर करा लिया गया। लेकिन बैंक की किस्त जमा नहीं की जा रही थी। बैंक ने नोटिस चस्पा किया। इसके बाद उन्होंने निबंधन कार्यालय में आवेदन देकर जांच कराने की मांग की।

    तब फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। आरोप है कि इस मामले में जिन बैंकों के कर्मचारियों व अधिकारियों ने लोन पास किया वह भी दोषी है। उनकी भी मिलीभगत थी।