UP News: थारू जनजाति की संस्कृति अब पर्यटन का हिस्सा, क्या है योगी सरकार की खास योजना?
उत्तर प्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड लखीमपुर खीरी के नौ थारू गांवों को पर्यटन से जोड़ने की तैयारी कर रहा है। पर्यटकों को थारू जनजाति की संस्कृति खानपान और हस्तशिल्प से परिचित कराया जाएगा। थारू व्यंजन अब होटलों में भी मिलेंगे और हस्तशिल्प शिल्पग्रामों में उपलब्ध होंगे। ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए थारू लोकगीत और नृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। ईको पर्यटन विकास बोर्ड ने लखीमपुर खीरी के नौ गावों में बसे थारू जनजाति के लोगों को पर्यटन से जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। इनके प्रसिद्ध खानपान, जीवनशैली और हस्तशिल्प को पर्यटकों तक पहुंचाया जाएगा।
इस सिलसिले में पर्यटन विभाग के निदेशक प्रखर मिश्र के नेतृत्व में बोर्ड के अधिकारियों का दल पिछले दिनों थारू गांवों का दौरा किया था। उन्होंने बताया कि कोशिश की जा रही है कि जो पर्यटक थारू गांवों तक नहीं पहुंच सकते, उनके लिए अब थारू समुदाय के व्यंजन रिसार्ट्स और होटल तक पहुंचाए जाएं।
इनमें चावल के आटे से बनने वाला ढिकरी, खड़िया, कपुआ आदि को रिजार्ट व होटलों में भी उपलब्ध कराया जाएगा।
साथ ही स्थानीय हस्तशिल्प जैसे मूंज, कास, जूट और सूत से बने थारू शिल्प भी अब थारू शिल्पग्राम और स्थानीय स्टालों के माध्यम से पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस जनजाति के लोकगीत व लोक नृत्य की प्रस्तुति अब कार्यक्रमों में भी की जाएगी।

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