यूपी के सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने आ रहा है 'प्रोजेक्ट अलंकार', 71 जिलों में मिलेंगी हाई-फाई सुविधाएं
उत्तर प्रदेश के 71 राजकीय माध्यमिक स्कूलों के सुधार के लिए प्रोजेक्ट अलंकार के तहत 11.05 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें अतिरिक्त कक्ष प्रयोगशाला कंप्यूटर लैब का विस्तार और भवन की मरम्मत शामिल है। पहली किश्त के रूप में 5.52 करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं। सभी जिलों के डीएम को तीन सदस्यीय टास्क फोर्स बनाकर कार्यों की निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राजकीय माध्यमिक स्कूलों की सूरत संवारने के लिए प्रोजेक्ट अलंकार चलाया जा रहा है। सरकारी विद्यालयों में जरूरत के अनुसार अतिरिक्त कक्ष, प्रयोगशाला व कंप्यूटर लैब का विस्तार और भवन की मरम्मत इत्यादि का कार्य किया जाएगा। 71 राजकीय माध्यमिक स्कूलों को चमकाने के लिए कुल 11.05 करोड़ रुपये की धनराशि इस पर खर्च की जाएगी। पहली किश्त के रूप में 5.52 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी गई है।
सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं व गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। अभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों में मूलभूत संसाधनों की कमी के कारण विद्यार्थी प्रवेश लेने में हिचकते हैं, लेकिन प्रोजेक्ट अलंकार के माध्यम से अब इन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है।
निजी स्कूलों की तर्ज पर राजकीय माध्यमिक स्कूलों में भी अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराया जा रहा है। 71 जिलों के एक-एक राजकीय माध्यमिक स्कूलों का चयन प्रोजेक्ट अलंकार के तहत किया गया है। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा, मैनपुरी व एटा सहित इन 71 जिलों के विद्यालयों में जल्द कायाकल्प का कार्य शुरू किया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिए गए हैं कि वह तीन सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन कर इन विद्यालयों में होने वाले निर्माण कार्यों की निगरानी करें। गुणवत्तापरक निर्माण न होने पर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
207 करोड़ रुपये से कराई जाएगी सड़कों की विशेष मरम्मत
विभिन्न जिलों की 563 सड़कों की विशेष मरम्मत पर 207.88 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस संदर्भ में लोक निर्माण विभाग की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव को शासन ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। साथ ही 124.12 करोड़ रुपये की राशि भी जारी कर दी है, हालांकि कार्ययोजना में देरी के चलते अब इन सड़कों को अगले वित्तीय वर्ष में ही दुरुस्त किया जा सकेगा।
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लोक निर्माण विभाग चालू वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना देरी से तैयार कर सका था। विभागीय मंत्री होने के कारण मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने पहली बार जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव लेकर कार्ययोजना तैयार की है। नतीजतन मई-जून में तैयार होने वाली कार्ययोजना नवंबर में तैयार की जा सकी थी। इसका असर अब सड़कों के निर्माण व विशेष मरम्मत के कार्यों पर पड़ रहा है।

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