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    Operation Sindoor : महंगा पड़ रहा है राजा महमूदाबाद के परिवार काे पाकिस्तानी प्रेम, प्रो. अली खान गिरफ्तार

    Updated: Sun, 18 May 2025 05:56 PM (IST)

    Controversial Comments On Operation Sindoor अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय सेना में महिला अफसरों को कम ...और पढ़ें

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    शोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ : ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले सीतापुर में महमूदाबाद स्टेट के राजा रहे सैय्यद मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान का असर खानदान के लाेगाें पर जारी है। ताजा मामला महमूदाबाद के राजा स्वर्गीय अमीर मोहम्मद खान के बेटे प्रोफेसर अली खान का है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर पाकिस्तानी प्रेम से भरा पड़ा है।

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    हरियाणा के राई में अशोका यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर अली खान काे 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर महिला सैन्य अफसरों पर टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। हरियाणा राज्य महिला आयोग की ओर से उनकी टिप्पणियों पर स्वतः संज्ञान लेने के कुछ दिनों बाद उन पर एक्शन लिया गया है। पहले ताे अली खान के खिलाफ मुकदमा लिखा गया और फिर रविवार काे गिरफ्तार किया गया।

    अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय सेना में महिला अफसरों को कमतर आंका और सांप्रदायिक कलह को बढ़ावा दिया। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रेस ब्रीफिंग करने वाली सैन्य अधिकारियों पर विवादित टिप्पणी के कारण उनके मामले काे गंभीरता से लिया गया।

    अली खान के खिलाफ जठेड़ी गांव के सरपंच योगेश जठेड़ी की शिकायत पर और हरियाणा राज्य महिला आयोग के नोटिस की अवहेलना करने व जांच के लिए न मिलने पर केस दर्ज किया गया। प्रोफेसर अली खान ने देश की नामचीन बेटियों पर विवादित टिप्पणी करने का गंभीर आराेप है। अली खान महमूदाबाद ने इन दोनों सैन्य अधिकारियों के साथ-साथ सेना के नियमों पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

    गाैरतलब है कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान पाेषित आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। इस कार्रवाई में करीब 100 आतंकी मारे जाने का दावा किया गया है।

    कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी हैं प्रो. अली

    प्रो.अली खान का जन्म दिसंबर 1982 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के ला मार्टीनियर कालेज से की और बाद की पढ़ाई यूके में किंग्स कालेज और विनचेस्टर कालेज से की। उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से हिस्टोरिकल स्टडीज में एमफिल और पीएचडी की डिग्री हासिल की है। सीरिया में दमिश्क यूनिवर्सिटी में अरबी की पढ़ाई की है।

    इराक में रह रहे थे दादा सैय्यद मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान

    वर्ष 1947 में भारत विभाजन के दौरान प्रो. अली के दादा सैय्यद मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान इराक में रह रहे थे। वर्ष 1957 में उन्होंने भारत की नागरिकता छोड़कऱ पाकिस्तान की नागरिकता ले ली थी, हालांकि उनका परिवार भारत में ही रह गया था। भारत के रक्षा नियम (डिफेंस आफ इंडिया रूल्स) 1962 के तहत सरकार ने उनकी संपत्ति अपने संरक्षण में ले लिया था। 1966 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किले को पूरी तरह खोल दिया गया और राजा महमूदाबाद के भाई को देखरेख के लिए कस्टोडियन बना दिया गया। इन शत्रु संपत्तियों का राज्य सरकार ने अक्टूबर 2006 में आकलन कराया था। महमूदाबाद राजघराने की संपत्ति की कीमत करीब 30 हजार करोड़ रुपये आंकी गई थी। केंद्र सरकार ने 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम बनाया।

    1973 में लंदन में सैयद मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान की मौत

    राजा सैयद मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान की 1973 में लंदन में मौत हो गई थी। उस समय उनके बेटे मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान कैंब्रिज में पढ़ाई कर रहे थे। भारत आने पर उन्होंने अपने पिता की संपत्ति पर उत्तराधिकार का दावा पेश किया और वर्ष 1981 में इंदिरा गांधी सरकार ने उनकी 25 प्रतिशत संपत्ति लौटाने की बात कही। हालांकि, इंदिरा के प्रस्ताव पर वह सहमत नहीं हुए और लखनऊ सिविल कोर्ट चले गए। वर्ष 2001 में वह मुकदमा जीत गए थे। 2002 में सरकार ने अपील कर दी थी। 2005 में सरकार की अपील खारिज हो गई।

    राजा महमूदाबाद का नाम कई मायनों में काफी चर्चाओं

    देश का आजादी से पहले मुस्लिमाें काे लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की स्थापना की गई थी, जिसमें प्रोफेसर अली खान के दादा सैय्यद मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान की महत्वपूर्ण भूमिका थी। भारत के बंटवारे में मोहम्मद अली जिन्ना के कहने पर सैय्यद मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान ने पाकिस्तान का समर्थन किया था। वर्ष 1957 में सैय्यद मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान ने भारत की नागरिकता छोड़कर पाकिस्तानी हो गए थे। इसके बाद उनके बेटे मोहम्मद खान ने विरासत काे संभाला। वह महमूदाबाद से 1985 व 1989 में कांग्रेस से विधायक भी रहे थे।

    राजा महमूदाबाद का नाम कई मायनों में काफी चर्चाओं में रहा है। लखनऊ में आधा हजरतगंज आज भी राजा महमूदाबाद के अधिकार क्षेत्र में होना बताया जाता है। राजा महमूदाबाद व उनके परिवार के लाेगाें की ईराक, पाकिस्तान और अन्य देशों में भी अकूत संपत्तियां हैं। उत्तराखंड में भी 396 संपत्तियां आंकी गई हैं।

    अक्तूबर 2006 में हुए सरकारी आंकलन के अनुसार, उनकी संपत्तियों की कीमत करीब 50 हजार करोड़ रुपये थी। उन्‍होंने शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 में संशोधन के लिए लाए गए शत्रु संपत्ति अध्यादेश 2016 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। 2010 में इसी अधिनियम पर लाए गए अध्यादेश को भी चुनौती दे चुके हैं, जिसकी भी सुनवाई फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में चली। 2010 के अध्यादेश के तहत सभी शत्रु संपत्तियां कस्टोडियन को सौंप दी गई थीं।