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    मोबाइल फोन की लत छुड़ाने के लिए अपनाएं डिजिटल हाइजीन, बच्चों की आदत छुड़वाने में हो रही कारगर

    केजीएमयू के मनोरोग विभाग में चल रही प्राब्लमैटिक यूज आफ टेक्नोलाजी क्लीनिक। मोबाइल फोन के लती बच्चों की आदत छुड़वाने के लिए यहां ले सकते हैं परामर्श। पुट क्लीनिक में मानसिक विकारों और परेशानियों का इलाज किया जाता है।

    By Anurag GuptaEdited By: Updated: Tue, 14 Jun 2022 05:11 PM (IST)
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    लखनऊ के केजीएमयू में प्राब्लमैटिक यूज आफ टेक्नोलाजी (पुट) क्लीनिक।

    लखनऊ, [रामांशी मिश्रा]। कि‍ंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के मनोरोग विभाग में मोबाइल फोन के लती बच्चों के लिए प्राब्लमैटिक यूज आफ टेक्नोलाजी (पुट) क्लीनिक संचालित की जाती है। बीते हफ्ते आनलाइन गेम खेलने से मना करने पर किशोर द्वारा अपनी मां की हत्या किए जाने के बाद इस क्लीनिक में अभिभावकों की संख्या तेजी से बढ़ गई है।

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    ज्यादातर अभिभावकों की चि‍ंता बच्चे में बढ़ता मोबाइल फोन का उपयोग (स्क्रीन टाइम) है। चिकित्सक इसके निदान के लिए डिजिटल हाईजीन अपनाने की सलाह दे रहे हैं। पुट क्लीनिक में टेक्नोलाजी के कारण बच्चों में बढ़ रहे विभिन्न तरह के मानसिक विकारों और परेशानियों का इलाज किया जाता है। इस ओपीडी के संचालक प्रो. पवन गुप्ता बताते हैं कि पुट क्लीनिक में इन दिनों मरीजों की संख्या 50 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

    आमतौर पर इस क्लीनिक में 10 से 15 मरीज स्क्रीन टाइम, बच्चों में तनाव या अन्य परेशानियों को लेकर आते थे। बीते शुक्रवार को 25 से 30 नए मामले आए। अभिभावकों की परेशानी यही थी कि बच्चों में मोबाइल फोन की लत को लेकर वे किससे राय लें और कैसे समझाएं? बच्चों से यदि फोन छीन लिया जाए तो उनमें जिद या ह‍िंसक प्रवृत्ति देखने को मिलती है। प्रो. पवन के अनुसार, इन समस्याओं के निदान के लिए डिजिटल हाईजीन बेहतर उपाय है।

    क्या है डिजिटल हाईजीन : डिजिटल हाईजीन के तहत मोबाइल फोन, लैपटाप या अन्य गैजेट के उपयोग की सीमा तय की जाती है। मसलन, कुछ नियम बनाए जाते हैं कि स्क्रीन टाइम की अवधि कितनी होगी। प्रो. पवन कहते हैं कि बच्चों से पहले बड़े उन नियमों पर अमल करें तो कई बड़ी परेशानियों से बचा जा सकता है।

    अपनाएं ये नियम :

    • सबसे पहले बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम का समय निश्चित करें।
    • मोबाइल फोन को बेड के पास रखकर चार्ज न करें।
    • सुबह उठते ही मोबाइल फोन खोजने की बजाय नियमित काम निपटाएं।
    • खाना खाते समय कोई भी सदस्य मोबाइल फोन अपने पास न रखें।
    • बाथरूम में मोबाइल फोन ले जाने की मनाही हो।
    • टीवी देख रहे हों तो मोबाइल फोन लेकर न बैठें।
    • कोई पारिवारिक क्रियाकलाप हो तो मोबाइल फोन का उपयोग न करें।