Privatisation of UPPCL: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण नहीं करने की मांग
Privatisation of UPPCL पदाधिकारियों ने कहा है कि पहले सर्वाधिक उपभोक्ता और बिजली आपूर्ति का कीर्तिमान महाराष्ट्र के पास था। पिछले आठ वर्ष में उत्तर प्रदेश सबसे अधिक उपभोक्ताओं को सर्वाधिक बिजली आपूर्ति करने वाला राज्य बन गया है। यह सब कीर्तिमान बिजली के सार्वजनिक क्षेत्र में रहने के कारण ही बन पाए हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि विकसित यूपी विजन डाक्यूमेंट-2047 में सबसे बड़ी भूमिका बिजली की होगी। बिजलीकर्मियों ने पिछले आठ वर्ष में बड़े और कठिन प्रयास कर विद्युत हानियां 41 से घटकर 15 प्रतिशत पर ला दिया है। बिजली के निजीकरण का विरोध करते हुए समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि विकसित यूपी के लिए बिजली को सार्वजनिक क्षेत्र में ही रखा जाए।
समिति के पदाधिकारियों ने कहा है कि पहले सर्वाधिक उपभोक्ता और बिजली आपूर्ति का कीर्तिमान महाराष्ट्र के पास था। पिछले आठ वर्ष में उत्तर प्रदेश सबसे अधिक उपभोक्ताओं को सर्वाधिक बिजली आपूर्ति करने वाला राज्य बन गया है। यह सब कीर्तिमान बिजली के सार्वजनिक क्षेत्र में रहने के कारण ही बन पाए हैं। बिजली कंपनियों का निजीकरण हुआ तो प्रदेश लालटेन युग में जाएगा। बिजलीकर्मी शुक्रवार को निजीकरण के विरोध में सभी जिलों और परियोजनाओं पर तिरंगा लेकर निकले।
इस बीच विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि निजीकरण का मसौदा सार्वजनिक किया जाए। आठ माह गुजरने के बाद भी सही मसौदा सिर्फ इसलिए नहीं तैयार हो पाया है क्योंकि उसमें निजी हितों को देखा जा रहा है। मसौदा यदि उपभोक्ताओं के हित में है तो उसे सार्वजनिक करने में क्या दिक्कत है।
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