Primary Education in UP : नन्हे-मुन्नों के लिए तैयार हुआ ‘बालवाटिका’ का रंगीन संसार
UP Government Primary Education बालवाटिकाओं में बच्चों के लिए बाल मैत्रिक फर्नीचर रंग-बिरंगे कक्ष आउटडोर खेल सामग्री लर्निंग कार्नर ‘बाला फीचर’ अभ्यास पुस्तिकाएं गतिविधि-आधारित वंडर बाक्स शिक्षण-सामग्री ( टीएलएम) और स्टेशनरी उपलब्ध कराई गई है। चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित ईसीसीई एजुकेटर्स की तैनाती भी की जा रही है ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण समावेशी और आनंददायक शिक्षा मिल सके। स्वतंत्रता दिवस पर इन बालवाटिकाओं में विशेष कार्यक्रम होंगे।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : सरकारी स्कूलों में अब बच्चों के लिए पढ़ाई के साथ खेल-खेल में सीखने का नया माहौल तैयार हो गया है। प्रदेश के 5,118 विद्यालयों में आधुनिक सुविधाओं से सजी बालवाटिकाओं की शुरुआत की गई है।
जो तीन से छह वर्ष के बच्चों की स्कूल रेडिनेस यानी कक्षा एक में प्रवेश से पहले मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक तैयारी को मजबूत करेंगी। इन बालवाटिकाओं को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (आइसीडीएस) के सहयोग से निकटवर्ती आंगनबाड़ी केंद्रों को स्थानांतरित कर तैयार किया गया है।
बालवाटिकाओं में बच्चों के लिए बाल मैत्रिक फर्नीचर, रंग-बिरंगे कक्ष, आउटडोर खेल सामग्री, लर्निंग कार्नर, ‘बाला फीचर’, अभ्यास पुस्तिकाएं, गतिविधि-आधारित वंडर बाक्स, शिक्षण-सामग्री ( टीएलएम) और स्टेशनरी उपलब्ध कराई गई है।
चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित ईसीसीई एजुकेटर्स की तैनाती भी की जा रही है, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण, समावेशी और आनंददायक शिक्षा मिल सके। स्वतंत्रता दिवस पर इन बालवाटिकाओं में विशेष कार्यक्रम होंगे।
स्कूल परिसर की सफाई, रंगाई-पुताई और सजावट के साथ गायन, नृत्य, नाटिका और चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों और खासतौर से माताओं को इसमें आमंत्रित किया गया है, ताकि बच्चों की शिक्षा में समुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि बालवाटिकाओं के माध्यम से हम नन्हे-मुन्नों के भविष्य की मजबूत नींव रख रहे हैं। हमारी प्राथमिकता है कि हर बच्चा पोषण, सुरक्षित वातावरण और आनंददायक अधिगम के साथ कक्षा-1 में पूरी तरह तैयार होकर पहुंचे।
वहीं, महानिदेशक स्कूल शिक्षा, कंचन वर्मा ने बताया कि स्कूल रेडिनेस के इस चरण के पूरा होने पर बच्चा कक्षा एक में शिक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगा। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्री-प्राइमरी शिक्षा को मिले विशेष महत्व का परिणाम है और आने वाले वर्षों में प्रदेश के बच्चों के लिए शिक्षा की मजबूत नींव साबित होगी।
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