Stray Animals : यूपी में छुट्टा पशुओं की लगातार बढ़ती संख्या पर लगेगा अंकुश, अधिकारियों और कर्मचारियों को किया जाएगा पारंगत
Control of Stray Animal लखनऊ और गाजियाबाद में दो अतिरिक्त केंद्रों की स्वीकृति दी गई है। कार्यशाला में कुत्तों के काटने के मामलों के हर माह आंकड़े प्रकाशित करने एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की मान्यता प्रमाणपत्र प्रदर्शित करने व शिकायत निस्तारण के लिए हेल्पलाइन उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : नगर विकास विभाग जल्द ही लखनऊ में बन रहे प्रदेश के पहले स्टेट आफ आर्ट एनिबल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) ट्रेनिंग सेंटर का संचालन शुरू करेगा। इस प्रशिक्षण केंद्र के लोकार्पण की तैयारी की जा रही है।
यहां प्रदेश के पशु कल्याण अधिकारी, कर्मचारियों, पशु चिकित्सकों को कुत्तों की नसबंदी से लेकर उनके व्यवहार, देखभाल आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां पर अन्य राज्यों से आने वाले कर्मचारियों-अधिकारियों को भी इस केंद्र पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। श्वानवंशीय पशुओं के प्रभावी प्रबंधन एवं क्षमता निर्माण विषय पर नगरीय निकाय निदेशालय में गुरुवार को आयोजित कार्यशाला में निदेशक अनुज कुमार झा ने इसकी जानकारी दी।
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने इस मौके पर कहा कि नगर विकास विभाग नगरीय निकायों, पशु कल्याण संस्थाओं और विशेषज्ञों के सहयोग से शहरों को निवासियों, पशुओं दोनों के लिए सुरक्षित व संवेदनशील बनाने का प्रयास कर रहा है। राज्य एबीसी निगरानी समिति की सदस्य गौरी मौलेकही ने कुत्तों की संख्या के प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी पालतू कुत्तों का पंजीकरण, टीकाकरण और नसबंदी अनिवार्य की गई है। केवल राज्य पशु कल्याण बोर्ड में पंजीकृत ब्रीडर और विक्रेताओं को ही व्यापारिक लाइसेंस दिए जा रहे हैं।
सरकार ने विद्यालयों, आवासीय कल्याण समितियों और सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता अभियान चलाने के लिए कहा है। जिससे कुत्तों के काटने की घटनाओं की रोकथाम व नसबंदी के फायदों की जानकारी लोगों को हो सके। प्रदेश में अब तक 17 स्थाई एबीसी केंद्र स्थापित किए हैं। लखनऊ नगर निगम भारत का पहला समर्पित एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर रहा है, जो कुत्तों को पकड़ने और एबीसी प्रक्रियाओं में प्रशिक्षण देगा। प्रदेश के अन्य नगर निगमों में भी ऐसे केंद्र स्थापित करने की योजना है। जिसमें गाजियाबाद, कानपुर और प्रयागराज शामिल हैं, ताकि इस पहल का विस्तार किया जा सके और आवारा कुत्तों की आबादी को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सके।
लखनऊ और गाजियाबाद में दो अतिरिक्त केंद्रों की स्वीकृति दी गई है। कार्यशाला में कुत्तों के काटने के मामलों के हर माह आंकड़े प्रकाशित करने, एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की मान्यता प्रमाणपत्र प्रदर्शित करने व शिकायत निस्तारण के लिए हेल्पलाइन उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए।
अपर नगर आयुक्त, पशु कल्याण अधिकारी, मुख्य पशु कल्याण अधिकारी व अन्य अधिकारियों को एबीसी केंद्र ले जाकर बंध्याकरण आपरेशन थियेटर, कुत्तों के भोजन प्रबंधन आदि की जानकारी दी गई। पशु कल्याण बोर्ड के विशेषज्ञों ने आवारा कुत्तों को पकड़ने और उनके बंध्याकरण की प्रक्रिया दिखाई। इस मौके पर विशेष सचिव उदय कुमार भानु, विशेष सचिव अरुण प्रकाश, अपर निदेशक रितु सुहास, अपर निदेशक असलम अंसारी आदि मौजूद थे।
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