Reservation For Physically Disabled in UP: दिव्यांगों को चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के लिए चिन्हित हुए पद
Reservation in Recruitments in UP For Disabled सचिवालय प्रशासन विभाग में समूह ख के तहत अनुभाग अधिकारी (लेखा) और ग्राम विकास विभाग (दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान लखनऊ) में समूह ग के तहत शोध सहयुक्त के पद का पुनर्चिन्हांकन किया गया है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से इन पदों पर नियुक्तियाें की कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : दिव्यांगों को अब नमामि गंगे एवं जलापूर्ति विभाग, पंचायती राज विभाग, न्याय विभाग, सचिवालाय प्रशासन और ग्राम्य विकास विभाग में भी चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। इन विभागों द्वारा किए गए पदों के चिन्हांकन में श्रेणियां चिन्हित न करने ये यह लाभ नहीं मिल पा रहा था। अब इनमें श्रेणियों सहित पदों का पुनर्चिन्हांकन कर दिया गया है।
उप्र सरकार ने दिव्यांगजन के लिए लोक सेवाओं में चार प्रतिशत पदों के क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था कर रखी है। इसमें रिक्तियों का एक-एक प्रतिशत खंड क, ख व ग में और एक प्रतिशत खंड घ व ड में आरक्षित किया गया है। अब विशेषज्ञ समिति द्वारा किए पुनर्चिन्हांकन में नमामि गंगे एवं जलापूर्ति विभाग (लघु सिंचाई विभाग) में समूह के तहत अधिशासी अभियंता, समूह ख में सहायक अभियंता और समूह ग में अवर अभियंता, बोरिंग टेक्नीशियन, सहायक बोरिंग टेक्नीशियन और अमीन के पद चिन्हित किए गए हैं।
पंचायती राज विभाग (राज्य निर्वाचन आयोग) में समूह ग के तहत कनिष्ठ सहायक व समूह घ के पद, न्याय विभाग (डा. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज) में समूह ग के तहत सहायक लेखाकार, आशूलिपिक, कनिष्ठ सहायक व कंप्यूटर सहायक (ग्रेड ए) के पद चिन्हित किए गए हैं।
सचिवालय प्रशासन विभाग में समूह ख के तहत अनुभाग अधिकारी (लेखा) और ग्राम विकास विभाग (दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान लखनऊ) में समूह ग के तहत शोध सहयुक्त के पद का पुनर्चिन्हांकन किया गया है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से इन पदों पर नियुक्तियाें की कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
इन श्रेणियों के दिव्यांग आएंगे पात्रता में
दृष्टिहीनता और कम दृष्टि, बधिर और श्रवण शक्ति हास, प्रमस्तिष्कीय अंग घात, उपचारित कुष्ठ, बौनापन, एसिड आक्रमण पीड़ित और मांसपेशीय दुष्पोषण, बौद्विक निशक्तता, विशिष्ट अधिगम निशक्तता और मानसिक निशक्तता।
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