Move to Jagran APP

'150' साल का हुआ पोस्टकार्ड, जानिए ऑस्‍ट्रेलिया से लेकर इंडिया तक का सफर Lucknow News

अब भी बरकरार पोस्टकार्ड का क्रेज लखनऊ के डाकघरों से हर महीने बिक रहे 10 हजार पोस्टकार्ड।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 08:56 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 07:24 AM (IST)
'150' साल का हुआ पोस्टकार्ड, जानिए ऑस्‍ट्रेलिया से लेकर इंडिया तक का सफर Lucknow News
'150' साल का हुआ पोस्टकार्ड, जानिए ऑस्‍ट्रेलिया से लेकर इंडिया तक का सफर Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। शादी विवाह जैसे मांगलिक आयोजन की सूचना हो या फिर अपनों के देहांत होने का दुख। कभी लोगों की हर सुख दुख का साक्षी रहे पोस्टकार्ड का चलन सोशल मीडिया के दौर में कम हो गया। इसके बावजूद लखनऊ के डाकघरों से हर महीने करीब 10 हजार पोस्टकार्ड लेकर लोग अपनों को पत्र लिख रहे हैं। एक अक्टूबर को पोस्टकार्ड के वैश्विक सफर के 150 साल पूरे हो जाएंगे। पहला पोस्टकार्ड एक अक्टूबर 1869 को ऑस्ट्रिया में जारी किया गया था।

loksabha election banner

पोस्टकार्ड का विचार सबसे पहले ऑस्ट्रियाई प्रतिनिधि कोल्बेंस्टीनर को आया। उन्होंने इसके बारे में वीनर न्योस्टॉ की सैन्य अकादमी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. एमैनुएल हर्मेन को अपने विचार साझा किए। उन्होंने 26 जनवरी 1869 को एक अखबार में इसके बारे में लेख लिखा। ऑस्ट्रिया के डाक मंत्रालय ने इस विचार पर बहुत तेजी से काम किया और पोस्टकार्ड की पहली प्रति एक अक्टूबर 1869 में जारी की गई। यहीं से पोस्टकार्ड के सफर की शुरुआत हुई।

ऐसा था पहला पोस्टकार्ड 

लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव बताते हैं कि दुनिया का यह प्रथम पोस्टकार्ड पीले रंग का था।  इसका आकार 122 मिलीमीटर लंबा और 85 मिलीमीटर चौड़ा था।  इसके एक तरफ पता लिखने के लिए जगह छोड़ी गई थी, जबकि दूसरी तरफ संदेश लिखने के लिए खाली जगह छोड़ी गई।  

इस वित्तीय वर्ष में बिके 53 हजार

 राजधानी लखनऊ में हर माह औसतन 10 हजार पोस्टकार्डों की बिक्री होती है। अप्रैल 2019 से अभी तक 53 हजार से ज्यादा पोस्टकार्डों की डाकघरों से बिक्री की जा चुकी है। 

10 साल बाद भारत में शुरुआत

भारत में पहला पोस्टकार्ड 1879 में जारी किया गया। हल्के भूरे रंग में छपे इस पहले पोस्टकार्ड की कीमत तीन पैसे थी और इस कार्ड पर 'ईस्ट इंडिया पोस्टकार्डÓ छपा था। बीच में ग्रेट ब्रिटेन का राजचिह्न मुद्रित था और ऊपर की तरफ दाएं कोने मे लाल-भूरे रंग में छपी ताज पहने साम्राज्ञी विक्टोरिया की मुखाकृति थी। पहली तीन तिमाही में ही लगभग 7.5 लाख रुपए के पोस्टकार्ड बेचे गए थे। 

चार तरह के होते हैं पोस्टकार्ड

डाकघरों में चार  तरह के पोस्टकार्ड मिलते हैं। मेघदूत पोस्टकार्ड, सामान्य पोस्टकार्ड, प्रिंटेड पोस्टकार्ड और कम्पटीशन पोस्टकार्ड । यह क्रमश  25 पैसे, 50 पैासे, 6 रूपये और 10 रूपये में उपलब्ध हैं।  इन चारों पोस्टकार्ड की लंबाई 14 सेंटीमीटर और चौड़ाई 9 सेंटीमीटर होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.