UP में पॉलीटेक्निक परीक्षा में बड़ा बदलाव, लखनऊ से LIVE होगी हर सेंटर पर नजर; लागू हुआ हाईटेक सिस्टम
UP Polytechinc Colleges | उत्तर प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों की परीक्षाओं की ऑनलाइन निगरानी अब राज्य स्तर पर होगी। परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए प्रश्न पत्रों को गुप्त कोड में भेजा जाएगा और कॉपियों का डिजिटल मूल्यांकन होगा। प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने रैंकिंग पोर्टल भी लांच किया है। संस्थानों में बायोमीट्रिक उपस्थिति और प्रयोगशालाओं का निर्माण किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पॉलीटेक्निक संस्थानों की परीक्षाओं की अब राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम बनाकर ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। परीक्षा के प्रश्न पत्रों को गुप्त कोड में परिवर्तित कर ईमेल के माध्यम से परीक्षा केंद्रों पर भेजा जाएगा।
यहां केंद्र व्यवस्थापक पासवर्ड की मदद से उसे मूल रूप में परिवर्तित करेंगे। फिर उसका प्रिंटआउट निकालकर छात्रों को बांटा जाएगा, जिससे प्रश्न पत्र लीक होने की गुंजाइश नहीं रहेगी। परीक्षा की कॉपियों का भी डिजिटल मूल्यांकन होगा। यह निर्णय प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।
कॉपियों का होगा डिजिटल मूल्यांकन
पॉलीटेक्निक संस्थानों की परीक्षाओं में शुचिता व पारदर्शिता बढ़ाने के लिए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था। विधानभवन स्थित तिलक हॉल में प्राविधिक शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में इस रिपोर्ट को लागू करने का निर्णय लिया गया।
वहीं परीक्षा में प्रयोग होने वाले सॉफ्टवेयर का सिक्योरिटी ऑडिट कराया जाएगा। एकेटीयू द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेज की परीक्षा में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यह सभी कदम पहले से ही उठाए जा रहे हैं। यही नहीं सभी पालीटेक्निक व इंजीनियरिंग कालेजों का एकेडमिक आडिट भी किया जाएगा।
संस्थानों की रैंकिंग भी की जाएगी
प्राविधिक शिक्षा मंत्री ने पालीटेक्निक संस्थानों की रैंकिंग के लिए स्टेट इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एसआइआरएफ) पोर्टल को भी लांच किया। अब सभी पॉलीटेक्निक संस्थानों की रैंकिंग की जाएगी। पढ़ाई में गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए ठोस उठाए जा रहे हैं। खराब रैंकिंग वाले संस्थानों पर सख्ती की जाएगी और वहां पढ़ाई में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
यही नहीं अब पॉलीटेक्निक संस्थानों में बायोमीट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था की जाएगी। अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का निर्माण, शिक्षकों व कर्मचारियों के खाली पदों को भरे जाने और उद्योगों से संपर्क कर युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने के भी निर्देश दिए।
वहीं राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के संचालन के लिए एक समान विनियम बनाने के भी निर्देश दिए गए। वहीं कार्यपरिषद व बोर्ड आफ गवर्नेंस में सदस्यों के नामांकन की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए। बैठक में अपर मुख्य सचिव, प्राविधिक शिक्षा नरेन्द्र भूषण और महानिदेशक, प्राविधिक शिक्षा अविनाश कृष्ण सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
चार नए इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण में लाएं तेजी
प्राविधिक शिक्षा मंत्री ने बैठक में निर्देश दिए कि गोंडा, बस्ती, मीरजापुर व प्रतापगढ़ में बनाए जा रहे राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के निर्माण को जल्द पूरा किया जाए। जिससे नए सत्र में यहां पर पढ़ाई शुरू की जा सके। अभी भवन न होने के कारण दूसरे जिले के इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ रहे छात्रों को 31 मई तक यहां शिफ्ट करने की व्यवस्था की जाए।
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