यूपी में पॉलिटेक्निक में फेल हुए 9875 छात्र, दोबार कॉपी चेक हुई तो बदल गया पूरा रिजल्ट
पॉलिटेक्निक की मुख्य परीक्षा में फेल हुए लगभग 10 हजार छात्र पुनर्मूल्यांकन के बाद पास हो गए हैं। इससे उन छात्रों को राहत मिली है जिन्होंने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था। परीक्षा परिणाम में बदलाव के बाद मूल्यांकन प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। परिषद का कहना है कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी थी और वेबसाइट पर परिणाम उपलब्ध है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पालिटेक्निक मुख्य परीक्षा में फेल हुए 9,875 छात्र पुनर्मूल्यांकन के बाद अब पास हो गए हैं। इससे इन छात्रों को बड़ी राहत मिली है, लेकिन इसने पहली बार मूल्यांकन करने वाले परीक्षकों के मूल्यांकन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
अगर इन छात्रों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन नहीं किया होता तो ये फेल ही माने जाते। सवाल यह भी है कि पहली बार मूल्यांकन करने वाले परीक्षकों की गलती से छात्रों को जो मानसिक दबाव झेलना पड़ा, उसकी जवाबदेही कौन लेगा?
जुलाई में मुख्य परीक्षा में करीब 2.50 लाख विद्यार्थियों का परिणाम आया था। इनमें से 95,214 छात्रों ने अपने अंकों से असंतुष्ट होकर पुनर्मूल्यांकन का विकल्प चुना। कुल 2,33,430 उत्तर पुस्तिकाओं को दूसरे परीक्षक से जांचा गया।
इस प्रक्रिया में 9,875 छात्र अनुत्तीर्ण से उत्तीर्ण हो गए, जबकि 7,192 छात्रों को प्रमोट कर दिया गया। हालांकि लगभग 30,000 छात्रों के परिणाम में कोई बदलाव नहीं हुआ। प्राविधिक शिक्षा परिषद का दावा है कि पूरी प्रक्रिया डिजिटल और पारदर्शी थी तथा पुनर्मूल्यांकन करने वाले परीक्षक को पहले दिए अंकों की जानकारी नहीं दी गई।
अधिकारियों के मुताबिक, ऐसे छात्र पास हुए जो पहली बार में महज एक-दो अंकों से असफल घोषित हुए थे। मूल्यांकन में 240 उत्तर पुस्तिकाओं में छात्रों ने मोबाइल नंबर लिखे थे, जिन्हें शून्य अंक दे दिए गए। संशोधित परिणाम परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।