UP News: उद्योगों की मांग पर तैयार होंगे पॉलिटेक्निक के कोर्स, ओडीओपी को भी तकनीकी शिक्षा से जोड़ने की तैयारी
उत्तर प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों में अब उद्योगों की जरूरतों के अनुसार पढ़ाई होगी। प्राविधिक शिक्षा विभाग युवाओं को रोजगारोन्मुख बनाने के लिए चैले ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अब पॉलिटेक्निक संस्थानों में पढ़ाई उद्योगों की जरूरतों के हिसाब से होगी। प्राविधिक शिक्षा विभाग ने तय किया है कि युवाओं को रोजगारोन्मुख और तकनीकी दक्षता से लैस करने के लिए चुनिंदा संस्थानों में चैलेंज कोर्स शुरू किए जाएंगे। इन पाठ्यक्रमों का मकसद छात्रों को ऐसे हुनर सिखाना है जो उन्हें सीधे उद्योगों में नौकरी दिला सकें।
प्राविधिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत उद्योगों की मांग और भविष्य की तकनीकी जरूरतों के आधार पर की जाएगी। इसके लिए चरणबद्ध योजना बनाई गई है।
पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और सुव्यवस्थित होगी। दिल्ली-एनसीआर में तेजी से बढ़ते शापिंग माल्स और रिटेल सेक्टर की मांग को देखते हुए गौतमबुद्धनगर स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक में पीजी डिप्लोमा इन रिटेल मैनेजमेंट कोर्स शुरू किया गया है।
यह कोर्स छात्रों को रिटेल क्षेत्र में करियर बनाने के लिए तैयार करेगा। प्रदेश सरकार की 'एक जिला एक उत्पाद' (ओडीओपी) योजना को भी तकनीकी शिक्षा से जोड़ा जाएगा। विभाग की योजना है कि इस पहल को कोर्स का हिस्सा बनाया जाए, जिससे विद्यार्थी स्थानीय उद्योगों से जुड़ सकें और स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ें।
विभाग यह भी देख रहा है कि जो कोर्स पहले से चल रहे हैं, उनमें विद्यार्थियों की रुचि कितनी है और वे वास्तव में कितने उपयोगी साबित हो रहे हैं। प्राविधिक शिक्षा सचिव अजीत कुमार मिश्र ने बताया कि यह पहल युवाओं को तकनीकी रूप से मजबूत बनाकर उन्हें सीधे रोजगार से जोड़ने की दिशा में अहम कदम है।
पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा का परिणाम जल्द
संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा का परिणाम 23 जून को घोषित कर सकती है। इस बार राजकीय, सहायता प्राप्त और निजी पॉलिटेक्निक संस्थाओं में 2.70 लाख सीटों के सापेक्ष 3.49 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है।
कम दाखिले वाले डिप्लोमा कोर्स बंद
परिषद अब उन डिप्लोमा कोर्स की समीक्षा कर रही है, जिनमें लगातार कम छात्र दाखिला ले रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में इंटरनेट आफ थिंग्स, ड्रोन टेक्नोलाजी, डेटा साइंस एंड मशीन लर्निंग, कंप्यूटर हार्डवेयर एंड नेटवर्किंग, कंप्यूटर एप्लीकेशन, साइबर सुरक्षा, बायोटेक्नोलॉजी टिशू कल्चर, वेब डिजाइनिंग, मार्केटिंग एंड सेल्स मैनेजमेंट जैसे पाठ्यक्रमों में छात्रों की संख्या घटती जा रही थी।
इस स्थिति को देखते हुए परिषद ने कई पॉलिटेक्निक कॉलेजों में इन कोर्सों को बंद कर दिया है। अब ये विशेष कोर्स केवल उन्हीं राजकीय संस्थानों में संचालित किए जाएंगे जहां छात्रों की रुचि और पर्याप्त दाखिले मिल रहे हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।