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    Ayush College Admission Scam: आयुष कालेजों में फर्जी एडमिशन केस में एसटीएफ के हाथ लगे अहम इलेक्ट्रानिक साक्ष्य

    Ayush College Admission Scam उत्तर प्रदेश के आयुष कालेजों में दाखिले के लिए मेरिट सूची में खेल कर अधिकारियों व कंपनी की मिलीभगत से बीएएमएस बीयूएमएस व बीएचएमएस पाठ्यक्रमों में 891 विद्यार्थियों को गलत ढंग से दाखिला दिया गया था। मेरिट में गड़बड़ी कुलदीप ने ही की थी।

    By Alok MishraEdited By: Umesh TiwariUpdated: Sat, 19 Nov 2022 07:17 AM (IST)
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    Ayush College Admission Scam: आयुष कालेजों में 891 फर्जी दाखिलों का मामला।

    लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के आयुष कालेजों में 891 फर्जी छात्रों के दाखिले के मामले में गिरफ्तार आरोपितों के विरुद्ध पुख्ता इलेक्ट्रानिक साक्ष्य भी जुटाए गए हैं। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दाखिले में धांधली के मामले में डाटा फीडिंग का काम कर रही कंपनी अपट्रान पावरट्रानिक्स द्वारा नामित वेंडर कंपनी के प्रतिनिधि कुलदीप सिंह का लैपटाप, चार मोबाइल फोन, 12 पैन ड्राइव, पांच सिम व 37 हजार रुपये बरामद किए हैं। धांधली के मास्टर माइंड कुलदीप के कई बैंक खातों की भी जानकारी जुटाई गई है।

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    कुलदीप के लैपटाप व माेबाइल फोनों से अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं। इन उपकरणों की फारेंसिक जांच भी कराई जा रही है। पैन ड्राइव भी खंगाली जा रही हैं। शैक्षिक सत्र-2021 में नीट-यूजी की मेरिट में की गई गड़बड़ी के इलेक्ट्रानिक साक्ष्य जुटाने के साथ ही एसटीएफ कुलदीप के मोबाइल फोन से वाट्सएप चैटिंग भी खंगाली जा रही है। इससे धांधली में शामिल अन्य आरोपितों तक पहुंचने का भी प्रयास किया जा रहा है। डिलीट किया गया कुछ डाटा रिकवर कराने का प्रयास भी चल रहा है।

    एसटीएफ ने फर्जी दाखिले के मामले में निलंबित कार्यवाहक निदेशक, आयुर्वेद सेवाएं (सदस्य सचिव काउसिलिंग मूलपद प्रिसिंपल) प्रो.डा.एसएन सिंह व निलंबित प्रभारी अधिकारी शिक्षा निदेशालय, आयुर्वेद सेवाएं (मूलपद प्रोफसर राजकीय आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज, लखनऊ) डा. उमाकांत यादव व कुलदीप सिंह सहित कुल 12 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

    आयुष कालेजों में पिछले शैक्षिक सत्र-2021 में कुल 891 फर्जी छात्रों का दाखिला कराया गया था। मामले में हजरतगंज कोतवाली में डाटा फीडिंग का काम कर रही कंपनी अपट्रान पावरट्रानिक्स तथा उसके द्वारा नामित वेंडर कंपनी वी-3 साफ्ट साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि कुलदीप सिंह समेत अन्य के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई थी।

    दरअसल, मेरिट सूची में खेल कर अधिकारियों व कंपनी की मिलीभगत से बीएएमएस, बीयूएमएस व बीएचएमएस पाठ्यक्रमों में 891 विद्यार्थियों को गलत ढंग से दाखिला दिया गया था। मेरिट में गड़बड़ी कुलदीप ने ही की थी। उसने नीट यूजी 2021 की महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा कार्यालय से मिली मेरिट लिस्ट को अपलोड करते समय उसके डाटा में फेरबदल किया था। जिसमें उन छात्रों के नाम जोड़े गए थे, जो मेरिट में नहीं थे।

    कुलदीप के बरामद चार फोन में एक आइफोन भी है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धांधली के इस मामले को गंभीरता से लेकर पूरे प्रकरण की जांच एसटीएफ से कराने का निर्देश दिया था। शासन ने मामले की सीबीआइ जांच कराने की भी सिफारिश की थी। हालांकि एसटीएफ के इस जांच को अपने हाथ में लेने से पहले से ही 12 आरोपितों की गिरफ्तारी कर चुकी है। साथ ही लगातार साक्ष्यों का संकलन किया जा रहा है। एसटीएफ ने चार कालेजों के प्रचार्याें से भी लंबी पूछताछ की है।