Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Police Memorial Day 2025: 'सरकार साथ, यही बड़ा सम्मान', पति की राह पर चलेगा बेटा... वीरांगनाओं की आंखों से छलका दर्द

    Updated: Tue, 21 Oct 2025 01:34 PM (IST)

    लखनऊ पुलिस लाइन में पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद पुलिसकर्मियों की पत्नियों का सम्मान किया गया। कांस्टेबल सौरभ की पत्नी आयुषी और इंस्पेक्टर सुनील कुमार की पत्नी मुनेश देवी ने अपने पतियों के बलिदान को याद किया। वीरांगनाओं ने कहा कि सरकार का साथ उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान है। उन्होंने अपने पतियों के साहस और कर्तव्यनिष्ठा पर गर्व जताया।

    Hero Image

    लखनऊ पुलिस लाइन में पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद पुलिसकर्मियों की पत्नियों का सम्मान किया गया।

    जागरण संवाददाता लखनऊ। पुलिस लाइन में आयोजित स्मृति दिवस पर कांस्टेबल सौरभ की पत्नी वीरांगना आयुषी का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मान किया तो उनकी आंखें छलक पड़ी। कुछ देर के लिए पूरा माहोल गमगीन हो गया। मुख्यमंत्री भी बोले सरकार आपके साथ है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आयुषी ने बताया कि अभी 2020 में शादी हुई है। मेरी तो जिंदगी ही चली गई। मैं भी सौरभ जैसा ही बनना चाहती हूं। इस साल 25 मई को गौतमबुद्धनगर की पुलिस टीम वांछित अपराधी कादिर की गिरफ्तारी के लिए गाजियाबाद पहुंची थी। गिरफ्तारी के दौरान उकसाई गई भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। फायरिंग और पथराव के बीच कांस्टेबल सौरभ कुमार के सिर में गोली लगी और वह शहीद हो गए। आयुषी ने बताया कि उनकी शहादत ने यह साबित किया कि पुलिसकर्मी कर्तव्य की रक्षा में कभी पीछे नहीं हटते पद कोई मायने नहीं रखता हर कोई जान की बाजी लगाने को तैयार रहता है।

    पति की राहों पर चलेगा बेटा

    एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार की वीरांगना मुनेश देवी का एक बेटा मोहित और बेटी नेहा है। पिता की जगह मोहित को नौकरी दिलाने के लिए प्रयास कर रही हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों को अपने पिता पर गर्व है और उनके बलिदान को सरकार ने सम्मान दिया, मेरे लिए यही सबसे बड़ा पुरस्कार है। बेटे को भी पति जैसा ही बनाने का प्रयास कर रही हूं।

    इस साल 20 जनवरी की रात एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार टीम के साथ एक लाख के इनामी अपराधी अरशद की तलाश में शामली पहुंचे। बिडौली-चैसाना चौराहे के पास मुठभेड़ के दौरान बदमाशों की गोलियां लगने के बावजूद उन्होंने मोर्चा संभाले रखा और चार बदमाशों को ढेर कर दिया। 22 जनवरी को गुरुग्राम मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।

     

    मुझे अपने पति पर गर्व है


    जौनपुर के चंदवक में तैनात मुख्य आरक्षी दुर्गेश की वीरांगना प्रियंका सिंह ने नम आंखों से अपने पति को याद किया। शिक्षा का प्रियंका ने कहा मुझे अपने पति पर गर्व है। इस साल 17 मई को जौनपुर में गो-तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह ने जान की परवाह किए बिना ड्यूटी निभाई। चेकिंग के दौरान एक पिकअप को रोकने की कोशिश की। गोतस्करों ने पिकअप सीधे उन पर चढ़ा दिया। बीएचयू के ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उनका बलिदान निष्ठा और साहस की अमिट मिसाल बन गया। प्रियंका ने बताया कि सरकार हमारे साथ है। इससे ज्यादा हमें क्या चाहिए।