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    Deoria Murder Case: सब कुछ जानते हुए भी आंखें मूंदे बैठी रही पुलिस, शिकायत के बाद भी नहीं लिया कोई एक्शन

    By Alok MishraEdited By: Prince Sharma
    Updated: Sat, 07 Oct 2023 06:45 AM (IST)

    Deoria Murder Case देवरिया के फतेहपुर गांव में आठ बीघा जमीन को लेकर नौ साल से चल रहे विवाद में छह लोगों की हत्या के मामले में स्थानीय पुलिस की कई लापरवाही सामने आई हैं। देवरिया पुलिस आंख मूंदे ही बैठी रही। सामने आया कि दूसरे पक्ष के प्रेमचंद यादव के विरुद्ध मारपीट के एक मामले में आरोपपत्र भी दाखिल हुआ था।

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    Deoria Murder Case: सब कुछ जानते हुए भी आंखें मूंदे बैठी रही पुलिस

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। देवरिया के फतेहपुर गांव में आठ बीघा जमीन को लेकर नौ साल से चल रहे विवाद में छह लोगों की हत्या के मामले में स्थानीय पुलिस की कई लापरवाही सामने आई हैं। देवरिया पुलिस आंख मूंदे ही बैठी रही।

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    सूत्रों का कहना है कि जांच में सामने आया कि आइजीआरएस (समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली) पर एक पक्ष के सत्य प्रकाश दुबे ने बार-बार अपनी जान को खतरा जताया था पर पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया। क्षेत्र के उपनिरीक्षक ने जान को कोई खतरा न होने की रिपोर्ट दे दी थी, जिसे तत्कालीन क्षेत्राधिकारी ने भी आगे बढ़ा दिया था।

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    यह भी सामने आया कि दूसरे पक्ष के प्रेमचन्द यादव के विरुद्ध मारपीट के एक मामले में आरोपपत्र भी दाखिल हुआ था। इसके बाद भी प्रेमचन्द व उसके परिवार के नाम जारी शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराए जाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई। दोनों पक्षों के बीच तनाव की जानकारी होने के बाद भी उन्हें पाबंद भी नहीं कराया गया था।

    दो तारीख को हुई थी हत्या

    देवरिया के फतेहपुर गांव में गत दो अक्टूबर को सपा से जिला पंचायत सदस्य रह चुके प्रेमचंद यादव की हत्या के बाद उनके परिवार के लोगों और समर्थकों ने प्रतिशोध में गांव के ही सत्य प्रकाश दुबे व उनके परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी थी।

    इस जघन्य की जांच में राजस्व व पुलिस के अधिकारियों व कर्मियों की लापरवाही सामने आई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को मामले की गहन समीक्षा की थी। लापरवाही व दायित्वों के निर्वहन में शिथिलता के दोषी एसडीएम योगेश कुमार गौड़ व क्षेत्राधिकारी रुद्रपुर जिलाजीत समेत 15 कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।

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