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    Lockdown in Lucknow: ड्यूटी पर जा रहे कर्मचारी को पुलिस ने रोका, जिरह करने पर डंडा मार तोड दी स्‍कूटी

    By Anurag GuptaEdited By:
    Updated: Tue, 24 Mar 2020 03:07 PM (IST)

    बिजली कर्मियों पर भी पुलिस ने की सख्ती ड्यूटी पर जा रहे कर्मचारियों को लौटाया।

    Lockdown in Lucknow: ड्यूटी पर जा रहे कर्मचारी को पुलिस ने रोका, जिरह करने पर डंडा मार तोड दी स्‍कूटी

    लखनऊ, जेएनएन। पुलिस द्वारा सडकों पर चलने वालों को घर भेजने की बेहतरीन नसीहत कोरोना वायरस को कही न कही रोकने में मददगार साबित हो रही है, लेकिन बिजली महकमे के वरिष्‍ठ अधिकारी अपने कर्मियों को जिला प्रशासन द्वारा जारी होने वाले पास 24 मार्च की शाम दिलवा पाए। इसके कारण 22, 23 मार्च के बाद 24 मार्च की सुबह भी बिजली कर्मचारियों के लाख समझाने के बाद भी पुलिस कर्मी नहीं माने। ऐसे में गोमती नगर के अधिशासी अभियंता जैसे अफसरों को अपने कार्यालय पहुंचने में परेशानी उठानी पडी। यही नहीं एसडीओ, जेई व दर्जनों लाइनमैनों को रास्‍ते से ही वापस कर दिया गया। इसके कारण बिजली कर्मियों ने अपने वरिष्‍ठों से पास मुहैया कराने के बाद ही कार्यालय जाने की बात कही है। उधर एमडी मध्‍यांचल सूर्य पाल गंगलवार ने दावा किया है कि पास जारी किए गए हैं, अभियंताओं व कर्मियों को किसी प्रकार की कोई समस्‍या नहीं आने दी जाएगी।

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    हालांकि 24 मार्च को भी कर्मियों के साथ मारपीट की गई। गोमती नगर के विपिन खंड में तैनात राजेश कुमार कश्‍यप अपने घर से बिजली घर जा रहे थे।तहसीन गंज चौराहे के पास पुलिस कर्मियों ने उनके दो पहिया वाहन का चालान कर दिया। कश्‍यप ने परिचय पत्र दिखाया, लेकिन पुलिस कर्मी नहीं माने। इसी तरह राजभवन व कूपर रोड स्थित उपकेंद्र इसलिए नहीं पहुंच सके, क्‍योंकि पुलिस ने उनकी एक बात नहीं सुनी। इसी तरह बंथरा उपकेंद्र में तैनात संविदा कर्मी आलोक चौरसिया को 23 मार्च की रात डंडों से पिटाई कर दी। यह हाल तब था जब आलोक मध्‍यांचल की वर्दी भी पहने हुए थे। डंडे से स्‍कूटी का फाइबर भी आगे का टूट गया।

    इस फरमान से अभियंताओं में नाराजगी

    जिला प्रशासन व बिजली अफसरों के साथ हुई बैठक में तय हुआ कि बिजली कर्मी सुबह आठ बजे से पहले उपकेंद्र पहुंच जाए। बिजली अभियंता व कर्मी घर से निकलते वक्‍त अपनी दवाइयां व लंच लेकर निकले। दूसरी शिफ़ट वाला कर्मी रात आठ बजे से पहले पिफल पहुंच जाए और सुबह आठ बजे तक काम करे। कुल मिलाकर 12 घंटे की डयूटी करनी होगी। नए आदेशों में इसका उल्‍लेख नहीं किया गया कि अगर कोई 33 केवी में ब्रेक डाउन आता है तो पिफल उसे कैसे ठीक किया जाएगा। उसे ठीक करने के लिए क्‍या उपकेंद्र से चार मोटइर साइकिल एक ही गंतव्‍य के लिए निकलेंगी। क्‍योकि एक बाइक पर दो लोग नहीं बैठ सकते। पिफर उपकरण यानी सीढी वगैरह कैसे पहुंचेगी। कर्मियों ने 12 घंटे की ड़़यूटी से भी एतराज जताया है। साथ ही ऐसा पास जारी करने की मांग की है जो संबंधित उपकेंद्र के अंतर्गत आने वाले क्ष्‍ोत्र में कही भी किसी भी वक्‍त जा सकते हैं।

    दस्‍ताने, मास्‍क व सैनिटाइजर नहीं मिले

    उपकेंद्रों में तैनात लाइन व अभियंता जो फाल्‍ट दुरुस्‍त करने के लिए मुहल्‍लों में जाते हैं उन्‍हें विभाग द्वारा सैनिटाइजर, मास्‍क, साबुन और दस्‍ताने नहीं दिए गए हैं। नूरबाडी उपकेंद्र के कर्मियों व अभियंताओं में इसको नाराजगी है। यही हाल राजधानी के अधिकांश उपकेंद्रों का है, जहां अभी तक व्‍यवस्‍थाएं राम भरोसे चल रही हैं।