लखनऊ एयरपोर्ट से विमानों का संचालन प्रभावित, बाधा बन रहे नादरगंज फ्लाईओवर पर लगे मार्ग प्रकाश के खंभे
Lights on FlyOver Are Obstacles in Flying Zone of Lucknow Airport एयरपोर्ट प्रशासन के मुताबिक एनएचएआइ अफसरों ने नादरगंज फ्लाईओवर बनाने के लिए कोई एनओसी अभी तक नहीं ली है और न ही फ्लाईओवर पर लगाए गए मार्ग प्रकाश के खंभों को लेकर एनओसी लेने के लिए आवेदन किया है। एनएचएआइ जहां चाहता है वहीं अपने हिसाब से काम करवा दे रहा है।

अंशू दीक्षित, जागरण, लखनऊ : चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से विमानों का संचालन फिर प्रभावित होने लगा है। अब पायलटों ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से शिकायत की है कि विमानों की लैंडिंग व टेक आफ में नादरगंज फ्लाईओवर पर लगे मार्ग प्रकाश के खंभे बाधा बन रहे हैं।
अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट की बड़ी दुर्घटना के बाद से बेहद गंभीर एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने पायलटों की शिकायत के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत करा दिया है।
एनएचएआइ इन मार्ग प्रकाश के खंभों को हटाने को लेकर कार्यदायी संस्था को निर्देश दिए हैं। निर्देशों में उल्लेख किया गया है कि दस मीटर ऊंचे मार्ग प्रकाश के खंभों के स्थान पर कम ऊंचाई के मार्ग प्रकाश के खंभे लगाए जाए। अब मंथन चल रहा है, ऐसा क्या फ्लाईओवर पर लगाया जाए, जिससे दुर्घटना न हो और रोशनी भी फ्लाईओवर पर पर्याप्त रहे।
फ्लाईओवर पर करीब 40 के आसपास मार्ग प्रकाश के खंभे सड़क के दोनों ओर लगे हैं। इस नए फ्लाईओवर पर वाहनों का संचालन नौ सितंबर को ही कार्यदायी संस्था पीएनसी ने शुरू किया है। एयरपोर्ट प्रशासन के मुताबिक एनएचएआइ अफसरों ने नादरगंज फ्लाईओवर बनाने के लिए कोई एनओसी अभी तक नहीं ली है और न ही फ्लाईओवर पर लगाए गए मार्ग प्रकाश के खंभों को लेकर एनओसी लेने के लिए आवेदन किया है।
एनएचएआइ जहां चाहता है वहीं अपने हिसाब से काम करवा दे रहा है। अधिकारियों का कहना है कि दोनों ही विभाग सरकारी है और दोनों ही विभाग लोगों की सुविधा के लिए काम करते हैं, ऐसे में निर्माण से जुड़ा कार्य फ्लाइंग जोन में शुरू करने से पहले एनएचएआइ को बैठक करनी चाहिए थी, इससे जो समस्या आ रही है, वह न आती।
सुरक्षा को तीन जोन में किया विभाजित
एयरपोर्ट प्रशासन ने एयरपोर्ट की सुरक्षा को तीन जोन में विभाजित कर रखा है।
- प्रथम जोन- सौ मीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं हो सकता।
- द्वितीय जोन- 101 से 200 मी. तक एक मंजिल से ऊंचा घर नहीं होना चाहिए।
- तृतीय जोन -201 से 300 मी. की दूरी तक दूसरी मंजिल तक ही घर बनाए जा सकते हैं। तीन सौ मीटर के बाद होने वाले हर इंच निर्माण के लिए विशेष एनओसी लेना जरूरी है।
नो कंस्ट्रक्शन जोन में बना है नया फ्लाईओवर
नियमानुसार एयरपोर्ट से बीस किमी. के दायरे में जो भी ऊंची इमारतों का निर्माण होगा, उसके लिए एनओसी पहले लेनी होगी। बता दें कि अहमदाबाद हादसे के बाद से पायलटों के सुझाव और शिकायतों पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल ज्यादा गंभीर है। नया फ्लाईओवर नो कंस्ट्रक्शन जोन में बना है।
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