यूपी के छात्रों की रचनात्मकता को मिलेगा बढ़ावा, शिक्षा व्यवस्था में हुआ ये बड़ा बदलाव
पीएम श्री योजना के तहत, परिषदीय विद्यालयों के छात्र अब अपनी भावनाओं और विचारों को त्रैमासिक पत्रिकाओं में व्यक्त करेंगे। शिक्षा मंत्रालय की अनुमति के बाद, जिला स्तर पर संपादक मंडल का गठन किया गया है। छात्र कविताएं, लेख और कहानियां लिखकर अपनी प्रतिभा दिखाएंगे। पत्रिका प्रकाशन के लिए बजट भी स्वीकृत किया गया है, जिससे छात्रों में रचनात्मकता को बढ़ावा मिलेगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पीएम श्री योजना के परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राएं अब अपनी भावनाओं, विचारों और रचनात्मकता को शब्दों में पिरो सकेंगे।
पहली बार राज्य के सभी पीएम श्री विद्यालयों में विद्यार्थियों द्वारा लिखी गई त्रैमासिक पत्रिकाएं प्रकाशित की जाएंगी। इन पत्रिकाओं के माध्यम से छात्र न केवल अपनी लेखन प्रतिभा दिखाएंगे, बल्कि आलोचनात्मक सोच, संचार कौशल और रचनात्मक अभिव्यक्ति भी विकसित करेंगे।
शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की अनुमति के बाद विद्यालयों में छात्रों की रचनाओं को संकलित कर प्रकाशित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। पत्रिका के संपादन और प्रकाशन के लिए जिला स्तर पर संपादक मंडल का गठन किया गया है। इसमें जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य अध्यक्ष होंगे।
इसके अलावा साहित्य में रुचि रखने वाले एक खंड शिक्षा अधिकारी, पीएम श्री विद्यालयों के दो शिक्षक, डायट के एक प्रवक्ता और एक एसआरजी सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं। साथ ही हर जिले के पीएम श्री विद्यालयों से दो छात्र और दो छात्राओं को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया जाएगा ताकि छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
प्रधानाचार्य प्रत्येक माह की 10 तारीख तक विद्यालयों से संकलित सामग्री संपादक मंडल को उपलब्ध कराएंगे। विषयवस्तु की समीक्षा और मूल्यांकन के बाद छात्रों द्वारा भेजी गई कविताएं, लेख, कहानियां, निबंध, एकांकी, पहेलियां, विज्ञान, रंगमंच, खेल, संस्कृति और पर्यावरण से जुड़ी रचनाओं को श्रेणीबद्ध किया जाएगा।
मूल्यांकन के बाद श्रेष्ठ रचनाओं को पत्रिका में प्रकाशित किया जाएगा। पहली और दूसरी त्रैमासिक पत्रिकाओं के प्रकाशन के लिए 97.584 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है, जो प्रदेश के 1129 कंपोजिट विद्यालयों को भेजा गया है।
पत्रिका से संबंधित सामग्री जेम पोर्टल से खरीदी जाएगी। इन पत्रिकाओं का प्रकाशन दिसंबर और फरवरी में किया जाएगा। यह पहल छात्रों में रचनात्मक लेखन, विचार अभिव्यक्ति और ज्ञानवृद्धि को प्रोत्साहित करेगी। साथ ही विद्यालयों में सकारात्मक शिक्षण वातावरण और विद्यार्थियों की सहभागिता को भी बढ़ावा मिलेगा।

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