यूपी के बड़े शहर में नया पार्क बनवा रही सरकार, एक लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
लखनऊ में बन रहे पीएम मित्र वस्त्र एवं परिधान पार्क के विकासकर्ता के चुनाव को अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है, जिससे परियोजना में देरी हो सकती है। केंद्र सरकार की 49% और राज्य सरकार की 51% हिस्सेदारी है। पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य से 1,86,059 करोड़ रुपये की वस्तुओं का निर्यात हुआ था। पार्क में 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है, जिससे एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

यूपी के बड़े शहर में नया पार्क बनवा रही सरकार, एक लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ में स्थापित हो रहे पीएम मित्र वस्त्र एवं परिधान पार्क को विकसित करने के लिए मास्टर डेवलपर (मुख्य विकासकर्ता) के चयन को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। इसके चलते वस्त्र पार्क परियोजना में देरी हो सकती है। हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग विभाग मास्टर डेवलपर का चयन जल्द करने को लेकर केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय को छह माह पहले पत्र भेज चुका है। पार्क को विकसित करने के लिए मास्टर डेवलपर का चयन जरूरी है। इस पार्क में केंद्र सरकार की 49 प्रतिशत और राज्य की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में वस्त्र एवं परिधान भी शामिल हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य से 1,86,059 करोड़ रुपये की वस्तुओं का निर्यात किया गया था। गौतमबुुद्ध नगर से सर्वाधिक 94,272 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया था। इसमें परिधानों का भी निर्यात शामिल हैं।
वहीं कानपुर नगर से वस्त्र सहित अन्य वस्तुओं का 10,401 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया था। वहीं राज्य से वस्त्र एवं परिधानों का 15,551 करोड़ रुपये का निर्यात अमेरिका, जर्मनी, यूके, इटली, आस्ट्रिया, नेपाल सहित कई देशों में किया गया है। राज्य में 2023-24 की तुलना में वर्ष 2024-25 में वस्त्र एवं परिधान उद्योग में 14 प्रतिशत अधिक मशीनों का पंजीकरण किया गया है। यानी वस्त्र व परिधान निर्माता अपनी इकाईयों का विस्तार कर रहे हैं और नई इकाईयां भी स्थापित की जा रही हैं।
इसी के मद्देनजर राज्य में वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ-हरदोई सीमा पर एक हजार एकड़ में पीएम मित्र वस्त्र एवं परिधान पार्क की स्थापना की जा रही है। पार्क में 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है। इससे एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। अभी तक पार्क की 24.09 किलोमीटर लंबी चहारदीवारी में से 15.5 किलोमीटर का निर्माण पूरा किया जा चुका है, लेकिन मास्टर डेवलपर का चयन न होने से पार्क को विकसित करने का कार्य प्रभावित हो सकता है।
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