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    Plantation Drive in UP : राजभवन में मियावाकी वन के दूसरे चरण का शुभारंभ, 1760 पौधे हुए रोपित

    Updated: Wed, 02 Jul 2025 07:08 PM (IST)

    Plantation Drive in UP in Progress राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पौधारोपण केवल एक कार्य नहीं बल्कि प्रेरणा और पर्यावरण संरक्षण का माध्यम है। उन्होंने बताया कि राजभवन स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में नया हरित भवन निर्मित किया जा रहा हैजिसका उद्देश्य झोपड़पट्टी एवं गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।

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    राजभवन में मियावाकी वन के दूसरे चरण का शुभारंभ, 1760 पौधे हुए रोपित

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : राजभवन में बुधवार को मियावाकी वन के दूसरे चरण का शुभारंभ हुआ। इस पद्धति से यहां पर कुल 1760 पौधे रोपित किए गए। इनमें शीशम, जामुन, अमरूद, कचनार, नींबू, लेमनग्रास आदि प्रजातियों के पौधे शामिल हैं।

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    मियावाकी पद्धति से कम जगह में घना जंगल विकसित हो जाता है। इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पौधारोपण केवल एक कार्य नहीं, बल्कि प्रेरणा और पर्यावरण संरक्षण का माध्यम है। उन्होंने बताया कि राजभवन स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में नया हरित भवन निर्मित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य झोपड़पट्टी एवं गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।

    राज्यपाल ने बच्चों से आत्मीय संवाद किया और उन्हें चाकलेट वितरित की। कार्यक्रम में उपस्थित लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने इस पहल को सौभाग्यशाली अवसर बताते हुए कहा कि हमें प्रकृति का सम्मान करना चाहिए और पौधारोपण को अपनी जिम्मेदारी समझना चाहिए।

    उन्होंने ‘निमिया के डाल‘ सहित कई मधुर गीतों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि मियावाकी पद्धति से यह उनका पहला पौधारोपण है। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए पौधारोपण और उनकी देखभाल अत्यंत आवश्यक है।

    राजभवन में यह तीसरा अवसर है जब मियावाकी पद्धति से पौधारोपण किया गया। इससे पूर्व लगभग 10 हजार पौधे इसी पद्धति से रोपित किए जा चुके हैं। राज्यपाल ने बच्चों की सहायता से मौसमी पुष्पों के पौधे का रोपण भी किया और राजभवन के बोनसाई गार्डन का अवलोकन किया।

    कार्यक्रम में प्रभागीय वन अधिकारी सितांशु पांडेय, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव डा. सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी अशोक देसाई व विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) डा. पंकज एल जानी आदि उपस्थित थे।