मछली से मिल रहा ‘मुनाफा’, पियूशिखा बनीं रोल मॉडल! सालाना 30 लाख रुपये की हो रही कमाई
फिरोजाबाद की पियूशिखा यादव ने कोरोना काल को अवसर में बदला। उन्होंने मत्स्य संपदा योजना से तालाब खुदवाकर मछली पालन शुरू किया। वैज्ञानिक तरीकों से सालाना 12 टन मछली का उत्पादन कर रही हैं और मत्स्य बीज बेचकर लाखों कमा रही हैं। अब वो अन्य महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही हैं। सरकार द्वारा पुरस्कृत पियूशिखा अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना जैसे कठिन समय को जहां अधिकतर लोगों ने संकट माना, वहीं फिरोजाबाद के नगला हिम्मत गांव की पियूशिखा यादव ने इसे मौके में बदल दिया। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठाकर उन्होंने अपनी 1.9 हेक्टेयर जमीन में तालाब खुदवाया और मछली पालन की शुरुआत की। इस तालाब पर कुल 20.99 लाख रुपये खर्च हुए, जिसमें से 12.59 लाख रुपये सरकार की ओर से अनुदान मिला।
पियूशिखा ने पारंपरिक तरीके छोड़ वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाया। उन्होंने मेजर कार्प, पंगेसियस और साल मछलियों का मिश्रित पालन शुरू किया और सालाना 12 टन से अधिक मछली उत्पादन करने लगीं। साथ ही, वे हर साल करीब 20 लाख मत्स्य बीज बेचकर 25 से 30 लाख रुपये की कमाई कर रही हैं।
उनके पति मधुकर यादव और मत्स्य विभाग की तकनीकी टीम ने इस यात्रा में कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। पियूशिखा अब चार बायोफ्लाक टैंक लगाने की तैयारी में हैं और आसपास के किसानों को बीज उपलब्ध कराने के साथ-साथ महिलाओं को प्रशिक्षण भी दे रही हैं।
आज वे मत्स्य पालन से न सिर्फ आत्मनिर्भर हुई हैं, बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं। पियूशिखा बताती है कि राज्य सरकार वैज्ञानिक नवाचारों को बढ़ावा दे रही है। उनके इस कार्य के लिए भारत सरकार से पुरस्कृत भी मिल चुका है।
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