यूपी के औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में बिछेगा PNG का नेटवर्क, ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर में बदलेंगे राजमार्ग
यूपी में उद्योगों को सुरक्षित ईंधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में पाइप्ड नैचुरल गैस की आपूर्ति के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रमुख राजमार्गों को ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर में परिवर्तित करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और उद्योगों व मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को सुरक्षित ईंधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में पाइप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) की आपूर्ति के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। परिवहन क्षेत्र में प्रदूषण रहित ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य के प्रमुख राजमार्गों को ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर में परिवर्तित करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।
यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि राज्य के औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में प्राकृतिक गैस के नेटवर्क के लिए पाइपलाइन बिछाने के लिए अधिकृत गैस कंपनियों को इन प्राधिकरणों द्वारा अनुमति व सुविधा प्रदान करने के आदेश दिए गए हैं। इससे राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित इकाइयों को सुरक्षित ईंधन की आपूर्ति व पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी। यातायात पर भी दबाव कम होगा।
अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने बताया कि पाइप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) के नेटवर्क के विकास के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा), उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा), गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा), सथहरिया औद्योगिक विकास प्राधिकरण (सीडा) तथा लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण (लीडा) को गैस कंपनियों को सुविधा प्रदान करने के लिए निर्देश दिया गया है। पीएनजी सुरक्षित होने के साथ ही सस्ती भी पड़ती है, क्योंकि भंडारण और परिवहन पर होने वाले खर्च की बचत होती है।
अपर मुख्य सचिव विकास आलोक कुमार ने बताया कि परिवहन के लिए वाहनों में प्रदूषण रहित ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य के प्रमुख राजमार्गों को ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर में परिवर्तित करने के कार्यक्रम के तहत यूपीसीडा को निर्देश दिए गए हैं कि प्राधिकरण अपने क्षेत्र में कम्प्रेस्ड नैचुरल गैस (सीएनजी) की आपूर्ति के लिए सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंसी को आवश्यक सुविधाएं स्थापित करने में सहयोग प्रदान करे। ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के लिए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बिल्हौर में 4,875 वर्ग मीटर भूमि चिह्नित की गई है।
गौरतलब है कि नगर विकास विभाग ने प्रदेश के 15 प्रमुख नगरों में 1,525 सीएनजी बसें संचालित करने का निर्णय किया गया है। वहीं प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन के लिए 37 गैस कंपनियों को अधिकृत किया गया है।