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भाप संग उड़ेगा शरीर का दर्द, नए साल से अब मुफ्त में 'होल बॉडी स्टीम' Lucknow News

लोकबंधु अस्पताल में होल बॉडी स्टीम की शुरू होगी सुविधा। प्रदेश के पहला सरकारी पंचकर्म सेंटर जोंक थेरेपी शुरू। आर्थराइटिस साइटिका और पैरालिसिस के दर्द छूमंतर।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 11:04 AM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 11:04 AM (IST)
भाप संग उड़ेगा शरीर का दर्द, नए साल से अब मुफ्त में 'होल बॉडी स्टीम' Lucknow News
भाप संग उड़ेगा शरीर का दर्द, नए साल से अब मुफ्त में 'होल बॉडी स्टीम' Lucknow News

लखनऊ [संदीप पांडेय]। आर्थराइटिस, साइटिका और पैरालिसिस के दर्द अब फ्री में छूमंतर होंगे, वो भी भाप से। इसके लिए लोकबंधु राजनारायण अस्पताल में पंचकर्म सेंटर अपग्रेड किया जाएगा। नए वर्ष से मरीजों को मुफ्त में  'होल बॉडी स्टीम' की सुविधा शुरू होगी। यहां पर भाप और औषधीय तेल की डोज से शारीरिक दर्द से निजात दिलाई जाएगी। 

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कानपुर रोड स्थित लोकबंधु अस्पताल में प्रदेश का पहला सरकारी पंचकर्म सेंटर संचालित है। निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने पंचकर्म सेंटर को अपग्रेड करने का फैसला किया है। इसके लिए दो क्लोजर बॉक्स आ गए हैं। क्लोजर चैंबर में मरीज को शिफ्ट कर आर्थराइटिस, साइटिका, पैरालिसिस का भाप और औषधीय तेल से इलाज किया जाएगा। होल बॉडी स्टीम से उपचार को आयुर्वेद में 'सर्वांग स्वेदन' के नाम से जाना जाता है।

रक्त मोक्षण से त्वचा रोग का निदान

अस्पताल में आयुष विशेषज्ञ डॉ. आदिल ने जोंक थेरेपी से उपचार शुरू कर दिया है। इसमें सोरायसिस व त्वचा रोग का इलाज जोंक के जरिए इलाज किया जाता है। इसे रक्त मोक्षण कहते हैं। अब तक 25 मरीजों का रक्त मोक्षण किया गया है।

10 लाख रुपये मिले

पंचकर्म सेंटर में बॉयलर, ओवन, स्टीम कैबिनेट, मसाज पंप, शिरोधारा टेबल, वमन पीठ, नोज पीठ, इंफ्रा रेड बाथ हैं। आयुष ओपीडी में रोजाना 70 से 80 मरीज आ रहे हैं, वहीं 35 के करीब लोग पंचकर्म का लाभ उठा रहे हैं। सेंटर को अपग्रेड करने के लिए 10 लाख रुपये का बजट मिला है। 

क्या हैं पंचकर्म ?

आयुर्वेद में वात, पित्त और कफ को त्रिदोष कहा गया है। वहीं स्वस्थ रहने के लिए इन तीनों दोषों का संतुलित रहना जरूरी है। इनमें से किसी एक दोष के असंतुलित होने से शरीर में विषैले रोगकारक तत्व पनप जाते हैं। यही बीमारी का कारक बनते हैं। ऐसे में पंचकर्म चिकित्सा से शरीर का शोधन कर विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालकर त्रिदोषों को संतुलित किया जाता है। पंचकर्म चिकित्सा में वमन, विरेचन, नस्य, बस्ती व रक्त मोक्षण समेत पांच पांच क्रियाएं होती हैं। वहीं पंचकर्म करने से पहले स्नेहन और स्वेदन कर शरीर का शुद्धीकरण किया जाता है। 

मनेगा 10वां स्थापना दिवस

निदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक, लोकबंधु अस्पताल सोमवार को 10वां स्थापना दिवस मनाएगा। इस दौरान कल्चर प्रोग्राम व उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्टाफ को सम्मानित किया जाएगा। 


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