UP News: अब नाइट शिफ्ट में महिला कर्मियों से काम कराने के लिए शासन से नहीं लेनी होगी अनुमति, योगी सरकार ने बनाए नए नियम
उत्तर प्रदेश में कारखाना मालिकों को अभी तक विभिन्न शर्तों के साथ महिला कर्मियों से शाम सात बजे के बाद व सुबह छह बजे से पूर्व कार्य करवाने के लिए शासन से अनुमति लेनी होती थी। ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत सरकार ने कारखाना मालिकों को राहत दी है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। Yogi Government New Labour Rule: उत्तर प्रदेश के कारखानों में कार्यरत महिला कर्मियों से अब शाम सात बजे के बाद और सुबह छह बजे से पूर्व काम कराने के लिए शासन से अनुमति नहीं लेनी होगी। ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत योगी सरकार ने कारखाना अधिनियम, 1948 में संशोधन कर कारखाना मालिकों को राहत दी है। महिला कर्मियों से लिखित सहमति लेकर ही उनसे कार्य लिया जा सकेगा।
इस संबंध में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश श्रम विभाग के अपर मुख्य सचिव सुरेश चंद्रा की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक कारखाना मालिकों को अभी तक विभिन्न शर्तों के साथ महिला कर्मियों से शाम सात बजे के बाद व सुबह छह बजे से पूर्व कार्य करवाने के लिए शासन से अनुमति लेनी होती थी।
कई बार फाइलें लंबे समय तक लटकी होने के कारण उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। नियोजक को महिला कर्मियों को निवास स्थान से कार्य स्थल तक लाने और ले जाने के लिए निश्शुल्क परिवहन की व्यवस्था करनी होगी। उन्हें इस दौरान कार्य करने पर भोजन की व्यवस्था भी करनी होगी।
कम से कम चार महिला कर्मियों के ड्यूटी पर आने की स्वीकृति देने पर ही महिला कर्मियों से इस दौरान कार्य कराया जा सकेगा। कारखाना निरीक्षक को इस संबंध में जानकारी देनी होगी और हर महीने रिपोर्ट देनी होगी। कार्य स्थल पर महिलाओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न न हो इसके लिए सख्त व्यवस्था करनी होगी। अगर कारखाना के नियोजक द्वारा इनमें से किसी भी नियम का उल्लंघन किया जाएगा तो अनुमति स्वत: समाप्त मानी जाएगी।
यूपी श्रम विभाग ने एक अधिसूचना प्रकाशित की, जिसमें सरकार द्वारा निर्धारित 13 शर्तों के एक सेट का पालन करने वाले कारखानों को नियम से छूट दी गई है। फैक्ट्री एक्ट में किए गए संशोधन में साफ किया गया है कि नाइट के लिए किसी भी महिला कर्मचारी को बाध्य नहीं किया जा सकता है।
फैक्ट्री के महिला कर्मियों से नाइट शिफ्ट को लेकर लिखित सहमति लेनी होगी। अगर महिला कर्मी अपनी सहमति देती हैं कि उन्हें रात में काम करने में कोई परेशानी नहीं है या इसकी आवश्यकता है, तभी उन्हें इसमें लगाया जा सकता है।