First अटेंप्ट में PCS बनने वाली ऋतु बनीं मिसेज इंडिया-2019, खोला 21 नंबर का ये राज Lucknow News
मिसेज इंडिया-2019 का खिताब अपने नाम करने वाली पीसीएस अफसर ऋतु सुहास ने शेयर किए लाइफ के सिक्रेट्स।
लखनऊ, जेएनएन। हौसले बुलंद हो तो कामयाबी आपकी मुट्ठी में आकर रहेगी। इसकी एक जीती जागती मिसाल लखनऊ की ऋतु सुहास ने मिसेज इंडिया-2019 का खिताब अपने नाम कर साबित कर दिया। 10 सितंबर से आयोजित इस प्रतियोगिता में देश के 20 राज्यों से 60 महिलाओं ने हिस्सा लिया था। मिसेज इंडिया 2019 जीतने वाली ऋतु 2004 बैच की पीसीएस अफसर हैं, जो वर्तमान में एलडीए में ज्वांइट सेकेट्री के पद पर तैनात हैं। जीत के बाद वे सोमवार को राजधानी वापस आईं, प्रस्तुत हैं उनसे की गई बातचीत के प्रमुख अंश...
फोन कर पिता से कहा- बन गई मिसेज इंडिया
राजधानी लखनऊ स्थित आलमबाग क्षेत्र की रहने वाली ऋतु सुहास के पिता आरसी शर्मा हाईकोर्ट में एडवोकेट है। वह बताते हैं कि ऋतु ने रविवार की रात तीन बजे फोन कर जानकारी दी कि मुंबई में आयोजित की गई सौंदर्य प्रतियोगिता में मिसेज इंडिया का खिताब जीत लिया है। इसके बाद पिता की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे। वह कहते हैं कि मुफलिसी के दौर में पढ़ती बच्ची को मनमाफिक सुविधाएं नहीं दे पाते थे। उसने अपनी मेहनत से सपनों को साकार कर दिखाया है।
2004 में बनी PCS, 2008 में की IAS से शादी
ऋतु बताती हैं कि उन्होंने अपनी पढ़ाई नवयुग गर्ल्स कॉलेज से की थी। साल 2004 में एक साथ पीसीएस और पीसीएस जे दोनों परीक्षाओं में कामयाबी पाई थी। लेकिन इन्होंने पीसीएस को चुना। 2008 में इनकी शादी आइएएस अधिकारी और अंतरराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास एलवाई के साथ हुई।
21 मेरा लकी नंबर
ऋतु सुहास बताती है, वे इसके लिए पिछले 9 महीने से तैयारी कर रही थीं। जनवरी में लखनऊ में स्टेट लेवेल जीता, इसके बाद इंडिया लेवेल के प्रतियोगिता की तैयारियां शुरू कर दी। इस तैयारी में खास बात यह रही डांस, रैंपवॉक जैसी तैयारी की। ऋतु सुहास बताती है कि, मेरा यहां पर 21 नंबर रहा, जो मेरे लिए लकी रहा।
PCS के इंटरव्यू के लिए ऐसे करती थी तैयारी
ऋतू बताती हैं, मैं पीसीएस इंटरव्यू के लिए शीशे के सामने रोज बैठकर अपने आपको देखकर बोलने की प्रैक्टिस करती थी। इससे मेरी बोलने की झिझक खत्म हुई और कुछ ही दिनों के अंदर मैंने फर्राटेदार बोलना शुरू कर दिया। मैंने पीसीएस का इंटरव्यू दिया और इंटरव्यू क्वालीफाई कर गई। पहली पोस्टिंग मथुरा में एसडीम के तौर पर हुई। उसके बाद एसडीम आगरा, जौनपुर और सोनभद्र के तौर पर हुई। बाद में अपर नगर आयुक्त इलाहाबाद के पद पर अप्वाइंट हो गई।
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