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    गोशालाओं के लिए पराग से खरीदा जाएगा पशु आहार, इन शिकायतों के बाद पशुधन मंत्री ने दिए निर्देश

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 11:01 PM (IST)

    गो आश्रय स्थलों के लिए पशु आहार अब सरकारी पशु आहार निर्माण इकाइयों से ही खरीदा जाएगा। कई जिलों में अलग-अलग दरों पर खरीद और उनमें कई गुणा अंतर पाए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया।  

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    राज्य ब्यूराे, लखनऊ। गो आश्रय स्थलों के लिए पशु आहार की खरीद अब सरकारी पशु आहार निर्माण इकाइयों से की जाएगी। कई जिलाें में अलग-अलग दरों पर खरीद सामने आने के बाद यह निर्णय लिया गया है। इन दरों में कई जगह कई गुणा का अंतर आ रहा है।

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    पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने भूसा व साइलेज के टेंडरों में नियमों का पालन कराने और दरों में अंतर के मामलों की जांच कराने के आदेश दिए हैं। आहार की खरीद के लिए विभाग टेंडर के मानक दिशा-निर्देश भी तैयार करेगा और पूरे प्रदेश के उसी के अनुसार प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

    इतने गोवंश हैं संरक्षित

    गोवंश के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा प्रदेश में 7608 गो आश्रय स्थलों का संचालन किया जा रहा है, इनमें वर्तमान में 12,36,815 गोवंश संरक्षित हैं। इनके लिए भूसा आदि आहार की खरीद जिला स्तर पर की जाती है। हाल ही में गौतमबुद्धनगर, आजमगढ़, ललितपुर, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, अलीगढ़ आदि कई जिलों में की गई खरीद में बड़े अंतर का मामला सामने आया है। जिसके बाद मंत्री ने पराग के पशु आहार केंद्रों से खरीद के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में पराग की वाराणसी, मेरठ और संतकबीरनगर में पशु आहार निर्माण इकाइयां स्थापित हैं।

    कीमतों में अंतर की नहीं आएगी समस्या 

    इनमें से संतकबीरनगर की इकाई को हाल ही में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को दिया गया है। इनसे पशु आहार की आपूर्ति होने से कीमतों में अंतर की समस्या नहीं आएगी और इकाइयों का संचालन भी बेहतर तरीके से हो सकेगा। मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि भूसा व साइलेज टेंडर प्रक्रिया में नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए और शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाए।

    इसके साथ ही टेंडर के लिए विभागीय स्तर से मानक दिशा-निर्देश तय करने के भी निर्देश दिए हैं। प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास मुकेश मेश्राम ने बताया कि साइलेज निर्माताओं से वार्ता करके टेंडर के लिए मानक दिशा निर्देश तैयार किए जा रहे हैं।