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    Parliament Monsoon Session 2025 : मायावती ने संसद सत्र पर दी प्रतिक्रिया, जनहित के मामले हों निस्तारित; लोग न हों निराश

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 01:37 PM (IST)

    Mayawati Comments on Parliament Monsoon Session 2025 मायावती ने सरकार और विपक्ष से पार्टी हितों से ऊपर उठकर देशहित और जनहित के लिए एकजुट होने का आग्रह किया और कहा कि संसद का यह सत्र महंगाई गरीबी बेरोजगारी महिला सुरक्षा आंतरिक और सीमा सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर ठोस नीतियां बनाने का अवसर होना चाहिए।

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    मानसून सत्र : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने संसद के मानसून सत्र शुरू होने से पहले अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर देश और जनता से जुड़े अहम मुद्दों पर सार्थक चर्चा की अपील की है। उन्होंने दो टूक कहा है कि सत्र में जनहित के मामले हों निस्तारित। समय न खराब हो, जिससे लोग न हों निराश। इसके साथ ही महंगाई और बेरोजगारी पर नीति बने।

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    मायावती ने सरकार और विपक्ष से पार्टी हितों से ऊपर उठकर देशहित और जनहित के लिए एकजुट होने का आग्रह किया और कहा कि संसद का यह सत्र महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, आंतरिक और सीमा सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर ठोस नीतियां बनाने का अवसर होना चाहिए।

    जनहित में मिलकर काम करें सरकार और विपक्ष

    मायावती ने जोर दिया कि देश और सीमाओं की सुरक्षा सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है, लेकिन विपक्ष को भी इस मामले में पार्टी हितों से ऊपर उठकर सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश और जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है, और इसके लिए सरकार और विपक्ष दोनों को मिलकर काम करना होगा।

    मायावती ने कहा कि देश की जनता महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, क्षेत्रीय और भाषाई विवादों, हिंसक टकराव और अपर्याप्त सुविधाओं से जूझ रही है। इन समस्याओं के समाधान के लिए संसद में सार्थक बहस और दीर्घकालिक नीतियां बनाना जरूरी है, ताकि देश विकास के रास्ते पर आगे बढ़े और सभी वर्गों का कल्याण हो।

    संसद सत्र पर मायावती का फोकस

    बसपा प्रमुख ने चिंता जताई कि पिछले सत्रों की तरह इस बार भी संसद में सरकार और विपक्ष के बीच टकराव, हंगामा और आरोप-प्रत्यारोप हो सकते हैं, जिससे जनता के लिए 'अच्छे दिन' की उम्मीद धूमिल हो सकती है।

    देशहित पहले

    मायावती ने वैश्विक स्तर पर बदलते राजनीतिक और आर्थिक हालात का जिक्र करते हुए कहा कि लोकतंत्र और संप्रभुता के सामने नई चुनौतियां उभर रही हैं। इनका मुकाबला करने के लिए सरकार को विपक्ष और जनता को विश्वास में लेकर एकजुटता के साथ काम करना होगा। मायावती ने जोर दिया कि सरकार और विपक्ष को पार्टी हितों से ऊपर उठकर देशहित में एकता दिखानी चाहिए।

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    पहलगाम नरसंहार और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा की मांग करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सत्र जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगा और संसद सुचारू रूप से चलकर देश के विकास और लोगों की तरक्की के लिए ठोस कदम उठाएगा।

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    वैसे भी देश के सामने ज़बरदस्त महंगाई, गरीबी व बेरोज़गारी, महिला असुरक्षा तथा ख़ासकर क्षेत्र व भाषा आदि को लेकर बढ़ता आपसी विवाद व हिंसक टकराव आदि के जनहित की समस्यायें के साथ ही आन्तरिक व बाहरी/सीमा सुरक्षा जैसी देशहित के मुद्दे लोगों की सुख-शान्ति व समृद्धि के संघर्ष को प्रभावित कर रहे हैं, तथा इन मामलों पर सार्थक बहस के आधार पर आगे की दीर्घकालीन ठोस नीति व रणनीति बनाकर उन पर अमल के लिए संसद का सुचारू रूप से संचालन जनता ज़रूरी समझती है, ताकि देश विकास व लोग तरक्की के रास्ते पर सही/आसानी से चल सकें, जिसमें ही देश के सर्वसमाज एवं बहुजनों का हित निहित है।

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