यूपी के 22 जिलों से गुजरने वाले एक्सप्रेसवे को लेकर बड़ा अपडेट, DPR तैयार; इस महीने से शुरू होगा काम
पानीपत से गोरखपुर तक बनने वाले हाईस्पीड कॉरिडोर का काम मार्च तक शुरू होने की संभावना है। एनएचएआई ने डीपीआर लगभग तैयार कर लिया है और इसे अंतिम रूप देने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक होगी। 750 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे यूपी के 22 जिलों से गुजरेगा और राज्य का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा। यह गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा।

हेमंत श्रीवास्तव, लखनऊ। पानीपत से गोरखपुर तक प्रस्तावित हाईस्पीड कारीडोर (एक्सप्रेसवे) का काम मार्च तक शुरू कर देने की तैयारी की गई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने इस एक्सप्रेसवे का डीपीआर लगभग तैयार कर लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर डीपीआर को अंतिम रूप दिया जाएगा। एनएचएआइ उच्चाधिकारियों के मुताबिक इस एक्सप्रेसवे का काम मार्च तक अवार्ड हो जाएगा।
750 किमी. लंबा यह एक्सप्रेसवे पानीपत से गोरखपुर के बीच उत्तर प्रदेश के लगभग 22 जिलों से होकर गुजरेगा। यह यूपी का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे भी होगा। एक्सप्रेसवे एक्सेस कंट्रोल्ड होगा यानी कुछ ही स्थानों पर एक्सप्रेसवे पर चढ़ने व उतरने के रास्ते दिए जाएंगे। यूपी में इस एक्सप्रेसवे का काम करीब दस पैकेज में होगा।
एनएचएआइ सूत्रों के मुताबिक एक्सप्रेसवे के डीपीआर को अंतिम रूप देने से पहले प्रदेश सरकार के उच्चाधिकारियों के साथ एलाइनमेंट (संरेखण) पर चर्चा होगी। संभावना है कि मुख्यमंत्री के साथ भी डीपीआर पर बैठक हो। राज्य सरकार द्वारा डीपीआर में यदि कोई संशोधन बताया जाता है तो उसके मुताबिक बदलाव करते हुए ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
एक्सप्रेसवे यूपी में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बिजनौर, मेरठ, अमरोहा, संभल, बरेली, रामपुर, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, सीतापुर, लखनऊ, बलरामपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर होते हुए गोरखपुर तक बनाया जाएगा।
यह एक्सप्रेसवे प्रस्तावित गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा। ऐसा होने पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल तक का सफर आसान हो जाएगा। यूपी में पूर्वांंचल एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को भी इससे जोड़ने की तैयारी है।
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