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    पंचायत कल्याण कोष बना ग्रामीण आशा की किरण, 3,866 परिवारों को मिली 136 करोड़ की सहायता राशि

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 02:00 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पंचायत कल्याण कोष योजना ग्रामीण परिवारों के लिए मददगार साबित हुई है। इस योजना के तहत, पिछले तीन वर्षों में मृत पंचायत प्रतिनिधियों के 3,866 परिवारों को 136.22 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है। यह योजना पंचायत प्रतिनिधियों के परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। बिजली कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर शुरू की गई पंचायत कल्याण कोष योजना ग्रामीण परिवारों के लिए संबल बनी है। पिछले तीन वर्षों में इस योजना से मृत पंचायत प्रतिनिधियों के 3,866 परिवारों को 136.22 करोड़ की सहायता राशि दी गई है।

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    पंचायती राजमंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि यह योजना 15 सितंबर 2021 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य बिना वेतन या भत्ते के सेवा करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों के परिवारों को असमय मृत्यु की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा देना है। प्रदेश में लगभग आठ लाख पंचायत प्रतिनिधि हैं, जिनमें से कई सेवा के दौरान असमय निधन का शिकार हो जाते हैं।

    इस योजना में सहायता राशि के तहत ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष के परिवार को 10 लाख, जिला पंचायत सदस्य को पांच लाख, क्षेत्र पंचायत सदस्य को तीन लाख और ग्राम पंचायत सदस्य को दो लाख मिलते हैं।

    आवेदन prdfinance.up.gov.in पोर्टल पर आनलाइन जमा किए जाते हैं और सत्यापन के बाद राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है।

    अवमानना के मामले में बिजली कंपनियों पर कार्रवाई की मांग

    उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग से अवमानना के मामले में बिजली कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

    परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि बिजली कंपनियां नियामक आयोग और उपभोक्ताओं की अनुमति के बिना ही स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं से 872 रुपये की बजाय 6016 रुपये वसूल रही हैं।

    इस मामले में परिषद ने आयोग में याचिका दाखिल की थी, लेकिन बुधवार को परिषद ने आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर यह मुद्दा भी उठा दिया है कि बिजली कंपनियां कास्ट डाटा बुक का उल्लंघन कर रही हैं। आयोग इसकी सुनवाई की तिथि घोषित करे।

    उन्होंने बताया कि नियामक आयोग के कानून के तहत गरीब उपभोक्ताओं को एक किलो वाट का कनेक्शन 1032 में मिलता चाहिए। बिजली कंपनियां ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब उपभोक्ताओं से 6176 रुपये और शहरी क्षेत्रों के उपभोक्ताओं से स्मार्ट प्री-पेड मीटर के लिए 6464 में रुपये वसूल रही हैं।