UP Panchayat Chunav: क्या इस बार बदला जाएगी सीटों के आरक्षण की व्यवस्था? इस महीने में शुरू होने वाला है प्रोसेस
लखनऊ आगामी पंचायत चुनावों में सीटों के आरक्षण को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में अटकलें तेज हैं। माना जा रहा है कि आरक्षण में बदलाव होगा। पंचायती राज विभाग अक्टूबर में आरक्षण प्रक्रिया शुरू कर सकता है। ओबीसी आरक्षण के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन पर सबकी निगाहें टिकी हैं। सरकार 2026 के चुनावों के लिए 2021 को आधार वर्ष मान सकती है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अगले साल होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में सीटों के आरक्षण को लेकर अभी से ग्रामीण क्षेत्रों में कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है। पूर्व के चुनावों में आरक्षण की व्यवस्था देखते हुए माना जा रहा है कि सीटों का आरक्षण बदलेगा, जो सीटें जिस वर्ग के लिए आरक्षित हैं वह सीटें उस वर्ग के लिए नहीं रहेंगी। पंचायती राज विभाग की मौजूदा तैयारियों के मुताबिक आरक्षण तय करने का काम अक्टूबर में शुरू होने की उम्मीद है।
सीटों के आरक्षण को लेकर चल रही कयासबाजी के बीच सबकी निगाहें ओबीसी आरक्षण के लिए समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन पर टिकी हैं। इस आयोग का गठन होने पर कम से कम तीन महीने आयोग को देना होगा।
आयोग का गठन यदि इसी महीने सरकार करती है तो अक्टूबर में सीटों का आरक्षण तय करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इधर एक चर्चा यह भी तेजी से चल रही है कि सरकार आयोग के गठन से पीछे हट सकती है। केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणणना कराए जाने के फैसले को इसका कारण माना जा रहा है।
माना जा रहा है कि फिलहाल आरक्षण तय करने की पुरानी व्यवस्था रहेगी, जिसमें शासन स्तर से सीटों के आरक्षण को अंतिम रूप दिया जाएगा। यह भी माना जा रहा है कि सरकार 2026 पंचायत चुनाव के लिए 2021 के पंचायत चुनाव को आधार वर्ष माने। ऐसा होने पर जो सीटें 2021 में जिस वर्ग के लिए आरक्षित थीं, अधिक संभावना रहेगी कि वह सीटें उस वर्ग के लिए आरक्षित न रहें।
अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 20.69 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 0.56 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी। इन आरक्षित सीटों में संबंधित वर्ग की महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले अभी ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत वार्डों का परिसीमन किया जाना है। इसके लिए शासनादेश जल्द जारी होगा। इसी महीने परिसीमन का काम पूरा हो जाएगा।
नये परिसीमन में ग्राम पंचायत वार्ड, क्षेत्र पंचायत वार्ड और जिला पंचायत वार्डों की संख्या कुछ कम होगी। इसका कारण शहरी क्षेत्रों का विस्तार होना है, जिससे 512 ग्राम पंचायतें कम हुई हैं।
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