राज्य की आंतरिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण है पीएसी की भूमिका: डीजीपी
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने कहा कि राज्य की आंतरिक सुरक्षा में पीएसी की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने पीएसी के जवानों की कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण की सरा ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा है कि राज्य की आंतरिक सुरक्षा में पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी ) की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। इसके लिए जरूरी है कि पीएसी के जवानों के प्रशिक्षण को और बेहतर बनाकर उनका आत्मविश्वास बढ़ाया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक संगठन की अपनी संस्थागत शक्तियां और सीमाएं होती हैं। ऐसे में दायित्व यह है कि शक्तियों को निरंतर सुदृढ़ किया जाए और कमियों को योजनाबद्ध ढंग से दूर कर संगठन को और मजबूत बनाया जाए।
पीएसी के 78 वें स्थापना दिवस पर गुरुवार को 35 वीं वाहिनी महानगर में आयोजित सेनानायकों व पीएसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का उद्देश्य स्पष्ट, व्यावहारिक और परिणाम देने वाला होना चाहिए। सिपाही से लेकर प्लाटून कमांडर तक प्रत्येक कार्मिक को ध्यान में रखकर प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
कार्य-आधारित एवं लक्ष्य-केंद्रित प्रशिक्षण ही पीएसी को अधिक सक्षम और आत्मविश्वासी बना सकता है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि वे संगठन में अपनी भूमिका पर गंभीरता से विचार करें। उन्होंने पीएसी के स्थापना दिवस पर सभी अधिकारियों व जवानों को शुभकामना दी।
इससे पहले सम्मेलन में पीएसी मेरठ की महानिरीक्षक कल्पना सक्सेना, लखनऊ के सेनानायक अमित कुमार, पीएसी आगरा के महानिरीक्षक सत्येन्द्र कुमार, सीतापुर वाहिनी के सेनानायक संतोष कुमार मीना, संयुक्त निदेशक अभियोजन ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह, पीएसी मुख्यालय के अभियोजन अधिकारी धीरानन्द श्रीवास्तव, लखनऊ के उप महानिरीक्षक किरीट राठोड, 11वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर के सेनानायक रवि कुमार, यक 41वीं वाहिनी पीएसी गाजियाबाद के सेनानायक दिनेश यादव, कानपुर अऩुभाग के उप महानिरीक्षक अतुल शर्मा सहित पीएसी के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने विभिन्न विषयों पर सुधार को लेकर अपने सुझाव दिए। सम्मेलन में पीएसी के अपर पुलिस महानिदेशक आरके स्वर्णकार भी उपस्थित थे।

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