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    UP Liquor Tender: यूपी में शराब की दुकान खोलने का मौका बढ़ा, इस तारीख तक कर सकते हैं आवेदन

    Updated: Thu, 27 Feb 2025 08:41 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में शराब की दुकानों के आवंटन के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 28 फरवरी कर दी गई है। अब तक 365268 आवेदन प्राप्त हुए हैं। ई-लॉटरी से 6 मार्च को आवंटन होगा। नई आबकारी नीति के तहत 27308 दुकानों के लिए आवेदन जारी हैं। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आवेदन सिर्फ ऑनलाइन ही स्वीकार किए जा रहे हैं।

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    यूपी में शराब की दुकान खोलने का मौका बढ़ा - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आबकारी विभाग ने शराब की दुकानों के आवंटन के लिए आनलाइन आवेदन करने की तिथि एक दिन बढ़ा दी है। पहले आवेदन की अंतिम तिथि 27 फरवरी रखी गई थी, जिसे बढ़ाकर 28 फरवरी कर दिया गया है। आबकारी विभाग को गुरुवार तक 3,65,268 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। छह मार्च को ई-लाटरी के जरिए दुकानों का आवंटन किया जाएगा।

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    प्रदेश की नई आबकारी नीति के अनुसार अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ई-लाटरी के जरिए शराब की दुकानों का आवंटन किया जाएगा। अलग-अलग श्रेणियों में दुकानों के आवंटन के लिए आबकारी विभाग ने 27 फरवरी तक आनलाइन आवेदन मांगे थे

    पहली बार कंपोजिट दुकानें खोलने की व्यवस्था

    प्रदेश में पहली बार अंग्रेजी शराब व बीयर तथा वाइन की कंपोजिट दुकानें खोलने की व्यवस्था की गई है। आबकारी आयुक्त आदर्श सिंह ने बताया कि नई नीति के तहत देशी शराब, कंपोजिट दुकानें, माडल शाप व भांग की 27,308 दुकानों के आवंटन के लिए आनलाइन आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं।

    उन्होंने बताया कि गुरुवार तक विभाग को आवेदन शुल्क के रूप में 1,987.19 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। विभाग ने शराब व भांग की दुका नों के आवंटन में पूरी पारदर्शिता के लिए सिर्फ आनलाइन माध्यम से ही आवेदन स्वीकार करने की व्यवस्था बनाई है।

    जिन आवेदकों को आनलाइन आवेदन में परेशान आ रही है उनके लिए विभाग ने हेल्प डेस्क स्थापित की है। सरकार ने बजट में आबकारी विभाग को अगले वित्तीय वर्ष के लिए 63,000 करोड़ रुपये की कमाई का लक्ष्य दिया है।

    राज्यकर्मी अब 10 मार्च तक दे सकेंगे संपत्तियों का विवरण

    वहीं, दूसरी ओर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मियों को संपत्ति का विवरण दर्ज करने के लिए 10 मार्च तक का समय प्रदान कर दिया है। मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति का विवरण दर्ज करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी शुक्रवार को समाप्त हो रही थी। इसे गुरुवार को ही बढ़ा दिया गया। प्रदेश के अब तक 7,08,588 कर्मियों यानी 85 प्रतिशत ने संपत्तियों की जानकारी आनलाइन दे दी है।

    कार्मिक विभाग के विशेष सचिव कुलदीप रस्तोगी ने गुरुवार को इसका शासनादेश जारी कर दिया है। सभी विभागों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि तय समय में संपत्तियों का ब्योरा देने वालों को ही मार्च का वेतन अप्रैल 2025 में दिया जाएगा।

    विवरण न देने वालों का वेतन रोक दिया जाएगा। शासनादेश में कहा गया है कि प्रदेश में 8,29,819 राज्य कर्मचारी हैं। मानव संपदा पोर्टल पर पंजीकृत कर्मियों को अपनी संपत्तियों की जानकारी हर वर्ष आनलाइन देनी होती है।

    दिसंबर 2024 तक अर्जित संपत्तियों की जानकारी देने का आदेश कार्मिक विभाग ने दिया था। संपत्ति का विवरण देने के लिए लगातार आदेश जारी किए जा रहे हैं। कर्मियों को राहत देने के लिए दूसरी बार समय-सीमा बढ़ाई गई है। इसके बाद जानकारी न देने वालों का वेतन अप्रैल में रोक दिया जाएगा।

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