Operation Sindoor: 'विकसित भारत छेड़ता नहीं, लेकिन छोड़ता भी नहीं', ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोले सीएम योगी?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकसित भारत किसी को छेड़ता नहीं पर संप्रभुता में हस्तक्षेप करने वालों को करारा जवाब देता है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की ताकत का प्रतीक बताया। योगी जी ने शिक्षकों से बदलते समय के अनुसार युवाओं को तैयार करने की अपील की। उन्होंने निष्पक्ष चयन प्रक्रिया की सराहना की और कहा कि सरकार शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकसित भारत किसी को छेड़ता नहीं, लेकिन अगर कोई भारत की संप्रभुता में हस्तक्षेप करता है तो उसे छोड़ता भी नहीं है, उसकी मांद में घुसकर करारा जवाब देता है। उन्होंने आपरेशन सिंदूर को भारत की ताकत और संप्रभुता की प्रतीकात्मक कार्रवाई बताते हुए कहा कि पूरी दुनिया ने इस अभियान के जरिए नया भारत देखा है और आगे भी उसकी ताकत देखेगी।
मुख्यमंत्री गुरुवार को लोक भवन सभागार में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिए चयनित 494 सहायक अध्यापकों और 49 प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे।
सीएम योगी ने शिक्षकों से अपील की कि वे बदलते समय की जरूरतों के अनुसार युवाओं को तैयार करें। यदि आज की आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा नहीं देंगे, तो भविष्य की पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी। हमें स्कूलों से विकसित भारत की आधारशिला रखनी होगी। शिक्षा में नवाचार, तकनीक और रोचक शिक्षण पद्धति अपनानी होगी ताकि छात्रों को उज्ज्वल भविष्य मिल सके।
उन्होंने चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता की सराहना करते हुए कहा कि आज किसी सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ी। इसी तरह से शिक्षकों को भी अपने कर्तव्यों के प्रति ईमानदार रहना होगा, क्योंकि 2017 से पहले माध्यमिक शिक्षा नकल के लिए बदनाम थी, लेकिन अब उसमें आमूलचूल परिवर्तन हुआ है।
आपरेशन कायाकल्प, प्रोजेक्ट अलंकार जैसी योजनाओं ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है। शिक्षकों से उन्होंने यह भी कहा कि वह कक्षा में बच्चों को छोटे- छोटे उदाहरण देकर समझाएं, जिससे पाठ्यक्रम उबाऊ न होने पाए।
आठ लाख से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में नियुक्तियां
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले आठ वर्षों में आठ लाख से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में नियुक्तियां दी गई हैं, जिनमें 40 हजार शिक्षक माध्यमिक शिक्षा से जुड़े हैं। पूर्ववर्ती सरकारों में शिक्षा को एजेंडा नहीं माना गया और बचपन के साथ खिलवाड़ किया गया।
खेल गतिविधियों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि मिनी स्टेडियम छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि यदि हम तकनीक में पिछड़ गए तो नई पीढ़ी के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे, इसलिए स्मार्ट क्लास, लैब, लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं अनिवार्य हैं।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने नवनियुक्त शिक्षकों से कहा कि वह अपने वाणी, व्यवहार से बच्चों पर सकारात्मक दिशा दिखाएं। माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने भी शिक्षकों को समय से विद्यालय जाने और 35 मिनट की कक्षा में पूरी तन्मयता से अध्यापन करने पर जोर दिया।
साथ ही माध्यमिक शिक्षा की उपलब्धियों पर चर्चा की। कार्यक्रम में कार्यवाहक मुख्य सचिव अनिल कुमार, अपर मुख्य सचिव वित्त और माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार, स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेंद्र देव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
18 जिलों के 23 राजकीय विद्यालयों में बनेंगे मिनी इंडोर स्टेडियम
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 23 राजकीय इंटर कालेजों में मिनी इंडोर स्टेडियम निर्माण की योजना का शिलान्यास किया। हर स्टेडियम के निर्माण में लगभग 4.92 करोड़ रुपये खर्च होगा। यह स्टेडियम रायबरेली, इटावा, गोरखपुर, बरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, मेरठ, प्रयागराज, मीरजापुर, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, महाराजगंज, कासगंज, मुरादाबाद, रामपुर, जालौन और फतेहपुर के राजकीय विद्यालयों में बनेंगे।
प्रत्येक इंटर कालेज में लगभग 2500 वर्ग मीटर खाली जमीन पर इंडोर मिनी स्टेडियम तैयार किया जाएगा। इसमें हैंडबाल, बास्केटबाल, वालीबाल, बैडमिंटन, कुश्ती, कबड्डी, टेबल टेनिस, शतरंज और जिम्नास्टिक जैसी खेल गतिविधियों की सुविधा होगी।
प्रत्येक स्टेडियम के लिए पहले चरण में दो करोड़ 16 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 778 माध्यमिक विद्यालयों में स्थापित आइसीटी लैब और 101 अटल टिंकरिंग लैब में से चुने गए पांच-पांच विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को प्रमाणपत्र भी वितरित किए।
शिक्षकों के लिए गर्व का रहा क्षण
मुख्यमंत्री ने 11 नव नियुक्त शिक्षकों और शिक्षिकाओं को मंच से नियुक्ति पत्र सौंपे। नियुक्ति पत्र पाने वालों में आगरा की लक्ष्मी नारायण, हाथरस की डाली, गोरखपुर की मनीषा मणि त्रिपाठी, आजमगढ़ के गणेश कुमार, आंबेडकरनगर के संजय कुमार पाठक, रामपुर की फिरोजजहां, लखनऊ की शिवानी वाजपेयी, जौनपुर के नीलेश कुमार सिंह, देवरिया के बृजमोहन सिंह यादव, अमरोहा की पूजा भाटी और मुजफ्फरनगर के अजय कुमार शामिल रहे।
शिक्षकों ने इसे गर्व का क्षण बताया। शिवानी वाजपेयी बोलीं, ‘मैं खुद को बहुत गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। वादा करती हूं कि विद्यालय में ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करूंगी।’ पूजा भाटी (अमरोहा) ने कहा, ‘मैं इतिहास विषय की शिक्षिका हूं।
कोशिश करूंगी कि बच्चों को रोचक ढंग से पढ़ाऊं और इतिहास से मिली सीख के जरिए उनका भविष्य बेहतर बनाऊं।’ मनीषा मणि त्रिपाठी (गोरखपुर) ने बताया, ‘मुझे सीतापुर में विद्यालय मिला है। मैंने इस दिन के लिए कड़ी मेहनत की है। स्कूल में जाकर रचनात्मक ढंग से पढ़ाने और नवाचार को बढ़ावा देने का प्रयास करूंगी।’
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