Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हरदोई का एक ऐसा मंदिर, जहां आधी रात के बाद अदृश्य शक्ति करती है शिवलिंग की पूजा; पढ़ें रोचक इतिहास

    By Vikas MishraEdited By:
    Updated: Mon, 25 Jul 2022 11:43 AM (IST)

    हरदोई में एक रहस्यमय मंदिर है। यहां आधी रात के बाद अदृश्य शक्ति शिवलिंग की पूजा करती है। प्रत्येक वर्ष गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर बहुत विशाल आषाढ़ी म ...और पढ़ें

    Hero Image
    मंदिर के आसपास विशाल जंगल ऋषि मुनियों की तपोस्थली रहा करता था।

    हरदोई, जागरण संवाददाता। विकास खंड अहिरोरी मे भस्म विभूति धारी देवाधिदेव भोलेनाथ भूतनाथ की अद्भुत शक्ति है। ऐसी मान्यता है कि यह शिवलिंग कभी भी बिना पूजा-अर्चना के किसी भी श्रद्धालु को नहीं मिला है। महर्षि मंगल गिरी आश्रम के प्रबंधक श्री शिवशंकर बताते हैं कि इस शिवलिंग की स्थापना पुरातन काल में विख्यात संत परम सिद्ध मंगल गिरी बाबा जी ने की थी। मंदिर के आसपास विशाल जंगल ऋषि मुनियों की तपोस्थली रहा करता था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नैमिषारण्य से कुछ दूरी पर होने के कारण इस शिवलिंग की पूजा अर्चना पंचकोशी यात्रा से गुजरने वाले संत महात्मा श्रद्धालु किया करते थे। भूतनाथ का यह स्थान चर्चा में पुरातन काल से है जब भोलेनाथ की पूजा करने वालों को यह पता चला कि यह शिवलिंग बिना पूजा के कभी भी नहीं रहता है. मंदिर से अगाध श्रद्धा रखने वाले बाबा धर्मपुरी जी का कहना है कि कुछ भक्तों ने तो मंदिर के गेट पर लेट कर यह पता करने की कोशिश की कि रात में पूजा अर्चना करने आखिर कौन आता है।

    लोगों ने बताया कि रात 12 बजे के बाद पहले पहर में एक लंबे व्यक्ति ने आकर कहा कि हट जाओ डरना मत किनारे लेट जाओ और फिर मंदिर के अंदर जाकर अदृश्य हो गया। जब मंदिर के अंदर जाकर टार्च लगाकर देखा गया तो पूजा-अर्चना हुई मिली थी. तब से लेकर आज तक कई बार मंदिर के पहली बार पूजा-अर्चना वाले रहस्य को कई बार लोगों ने देखने की कोशिश की है लेकिन पहली पूजा कौन करके जाता है यह रहस्य अभी भी बरकरार है।

    मंदिर के तालाब की मछलियां को अभय होने का वरदानः मंदिर से कुछ दूरी पर एक बड़ा सा पाताल तोड़ तालाब स्थित है और तालाब के किनारे पुराने समय से ही कदंब के पेड़ शोभायमान है। पुराने संत महात्मा इस स्थान को छोटीकाशी भी कहते हैं जंगल तालाब और तालाब के हर कोने पर बने मंदिर इस स्थान को रमणीय बनाते हैं. तालाब में काफी बड़ी संख्या में मछलियां संरक्षित हैं क्षेत्रवासियों का कहना है कि तालाब से कोई भी व्यक्ति मछलियां नहीं पकड़ता है. इन मछलियों को भी मंगलगिरी बाबा द्वारा अभय होने का वरदान प्राप्त है. भूतनाथ मंदिर से लोगों की अगाध श्रद्धा और अज्ञात शक्तियों के द्वारा की जाने वाली पूजा लोगों के लिए आश्चर्य श्रद्धा का विषय बनी हुई है । 

    गुरु पूर्णिमा पर लगता है साप्ताहिक 'आषाढ़ी मेला': प्रत्येक वर्ष गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर बहुत विशाल आषाढ़ी मेला लगता है जो क्षेत्र की आस्था का प्रतीक है ।