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    सीएम योगी के निर्देश पर नशे के सौदागरों पर कसा शिकंजा, कोडीनयुक्त कफ सिरप की अवैध बिक्री पर ताबड़तोड़ कार्रवाई

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 07:02 PM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने मिलावटी खाद्य पदार्थों के साथ-साथ अब नशीली दवाओं के अवैध व्यापार पर भी कड़ा शिकंजा कस दिया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कोडीनयुक्त कफ सिरप और अन्य नशीली औषधियों के अवैध क्रय-विक्रय, वितरण और भंडारण पर प्रभावी रोकथाम के लिए प्रदेशभर में व्यापक अभियान चलाया है। इसमें बड़े पैमाने पर जब्ती, गिरफ्तारियां और NDPS एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। यह अभियान अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय नेक्सस के खिलाफ भी है, जिसमें विनिर्माण से लेकर खुदरा स्तर तक पूरी आपूर्ति श्रृंखला की जांच की जा रही है। बच्चों की सुरक्षा के लिए कफ सिरप के नमूनों की भी जांच की जा रही है।  

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    यूपी में मिलावटखोरों के साथ नॉरकोटिक्स तस्करों पर भी कसा शिकंजा

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बाद प्रदेश सरकार ने मिलावटी खाद्य पदार्थों की तरह अब नॉरकोटिक्स औषधियों के अवैध व्यापार पर भी शिकंजा कस दिया है। आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तर प्रदेश द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में विभाग की प्रवर्तन टीमों ने प्रदेशभर में कोडीनयुक्त कफ सिरप एवं अन्य नशीली औषधियों के अवैध क्रय–विक्रय, वितरण और भंडारण पर प्रभावी रोकथाम के लिए व्यापक एवं सघन कार्यवाही की है। इसके तहत बड़े पैमाने पर सीजर, गिरफ्तारी और NDPS एक्ट में केस दर्ज किए गए हैं और यह अभियान निरंतर जारी है।

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    अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के नेक्सस के खिलाफ अभियान
    आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तर प्रदेश डॉ रोशन जैकब ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशानुसार मिलावट और नशीली दवाओं की आपूर्ति दोनों पर समान रूप से कठोर अंकुश लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। कोडीन-आधारित दवाओं (जैसे कोडीन सिरप) के दुरुपयोग और अवैध वितरण को लेकर सख्ती से निपटने के लिए लगातार विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में व्यापक पैमाने पर छापेमारी, जांच और कार्रवाई जारी है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच और छापेमारी से यह स्पष्ट हुआ है कि इन दवाओं की आपूर्ति केवल स्थानीय बाजारों तक सीमित नहीं है, बल्कि पंजाब और दिल्ली जैसे राज्यों के साथ साथ असम मार्ग के जरिए बांग्लादेश तक पहुंचने की भी संभावना है। इस प्रकार का नेटवर्क अंतरराज्यीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय प्रतीत हो रहा है।

    मैन्युफैक्चरिंग से लेकर रिटेल स्तर तक विस्तृत जांच
    उन्होंने बताया कि संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला (मैन्युफैक्चरिंग से लेकर रिटेल स्तर तक) की विस्तृत जांच की जा रही है। इसके अंतर्गत नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा जारी किए जाने वाले उत्पादन कोटा और लाइसेंस के साथ-साथ सभी विनिर्माण इकाइयों, स्टॉकिस्ट, डिस्ट्रीब्यूटर, होलसेलर और रिटेलर से संबंधित अभिलेख प्राप्त कर उनका सत्यापन किया जा रहा है। डॉ. जैकब ने कहा कि सिर्फ ड्रग एक्ट के तहत कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। इस तरह के मामलों में एनडीपीएस अधिनियम सहित विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के साथ संयुक्त और समन्वित अभियान चलाना अनिवार्य है।

    लखनऊ में ताबड़तोड़ कार्रवाई
    लखनऊ में दीपक मानवानी नामक व्यक्ति के घर पर छापेमारी कर ₹3 लाख मूल्य की अवैध औषधियां जब्त की गईं। आरोपी को गिरफ्तार कर NDPS एक्ट, 1985 की धारा 8, 21, 22 के तहत केस दर्ज हुआ। इसके अलावा M/s Arpik Pharmaceuticals Pvt. Ltd. और M/s Idhika Lifesciences Pvt. Ltd. के गोदामों पर भी छापे मारे गए, जहां से कोडीनयुक्त औषधियों के वितरण अभिलेखों की जांच शुरू की गई है। इसी तरह, लखीमपुर खीरी में पीयूष मेडिकल एजेंसी के संचालक के घर से अवैध Tramadol capsules जब्त किए गए। बहराइच में रॉयल फार्मा और ममता मेडिकल एजेंसी पर छापेमारी के दौरान ₹30,000 मूल्य की अवैध औषधियाँ जब्त कर दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।

    अभिलेखों में गड़बड़ी पर दर्ज हुई एफआईआर
    सीतापुर में नैमिष मेडिकल स्टोर के संचालक शिवम कुमार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(1) और 335 में केस दर्ज हुआ। रायबरेली के अजय फार्मा और लखनऊ–सुल्तानपुर के श्री श्याम फार्मा व विनोद फार्मा के खिलाफ भी कोडीनयुक्त औषधियों की बिलिंग और विक्रय में अनियमितता पाए जाने पर कार्यवाही की गई है।

    औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम के तहत रोक आदेश
    लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी, बलरामपुर और गाजियाबाद समेत कई जनपदों के मेडिकल स्टोर्स पर कोडीनयुक्त कफ सिरप और नॉरकोटिक औषधियों की बिक्री पर रोक लगाई गई है। लखनऊ के श्री श्याम फार्मा, कानपुर के अग्रवाल ब्रदर्स, मा दुर्गा मेडिकोज, आर एस हेल्थकेयर समेत कई फर्मों पर कार्रवाई करते हुए धारा 22(1)(d) के तहत क्रय–विक्रय पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया है।

    सीमावर्ती जिलों पर विशेष निगरानी
    डॉ रोशन जैकब ने बताया कि नेपाल सीमा से सटे जिलों—बहराइच, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज—के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, सहारनपुर में भी नारकोटिक्स औषधियों की अवैध आवाजाही को रोकने के लिए संदिग्ध मेडिकल स्टोर्स की गहन जांच जारी है।

    बच्चों की सुरक्षा को लेकर नमूना जांच अभियान
    उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों के साथ हुई घटनाओं के बाद उत्तर प्रदेश में सतर्कता बरती गई है। राज्यभर से 913 कफ सिरप नमूने जांच हेतु संकलित किए गए हैं, जिनमें से 63 नमूनों की रिपोर्ट अब तक संतोषजनक आई है और किसी में भी हानिकारक अपमिश्रण नहीं पाया गया। शेष नमूनों की जांच प्राथमिकता पर जारी है। उन्होंने सभी औषधि निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि प्रदेशभर में कोडीनयुक्त कफ सिरप और नॉरकोटिक्स औषधियों के क्रय–विक्रय व भंडारण की निरंतर जांच करते रहें। किसी भी स्तर पर अनियमितता पाए जाने पर तत्काल कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।