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    अब एक क्लिक पर मिलेगी UP से सभी प्राचीन मंदिरों की जानकारी, मंदिरों को नये सिरे से विकसित भी करने की तैयारी

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 02:40 PM (IST)

    Old Temples of UP On One Click मंदिरों का संरक्षण व रखरखाव की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। रखरखाव के आभाव में इनमें से कई मंदिरों की दशा खराब हो गई है। इनके जीर्णोद्वार और सौंदर्यीकरण के लिए धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

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    एक क्लिक पर मिलेगी प्राचीन मंदिरों की जानकारी

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : राज्य के प्राचीन मंदिरों की जानकारी जल्द ही एक क्किल पर मिलेगी। इसके लिए धर्मार्थ कार्य विभाग यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन लिमिटेड से आनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली (आइटीआइएमएस) पोर्टल तैयार करा रहा है।

    इस पोर्टल पर राज्य सरकार के अधीन आने वाले सभी मंदिरों की वर्तमान स्थिति और संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इसी के आधार पर धर्मार्थ कार्य विभाग मंदिरों को नए से विकसित करेगा।

    वर्ष 1947 में स्वतंत्रता के बाद कई रियासतों का सरकार में विलय हो गया था। सरकार में रियासतों के विलय के साथ ही राज्य में स्थित करीब 300 से अधिक मंदिर भी सरकार के अधीन आ गए थे। इन मंदिरों का संरक्षण व रखरखाव की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।

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    इनमें से कई मंदिरों की दशा रखरखाव के आभाव में खराब हो गई है। इनके जीर्णोद्वार व सौंदर्यीकरण के लिए धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

    समिति में संस्कृति विभाग, पुरातत्व निदेशालय, इंटैक के स्थानीय प्रतिनिधि, एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के आर्कीटेक्चर विभाग से एक अधिकारी व सेवानिवृत्त पुरातत्वविद को सदस्य बनाया गया है। साथ ही धर्मार्थ कार्य विभाग के निदेशक को समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है।

    धर्मार्थ कार्य विभाग इस पोर्टल को तैयार करा रहा है। रहे पोर्टल पर संबंधित जिलाधिकारी सरकार के अधीन आने वाले मंदिरों की सही स्थिति अपडेट करेंगे। इसके साथ ही इन मंदिरों के जीर्णोद्वार को लेकर किए जाने वाले कार्यों को भी इसी पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।

    पारदर्शिता व निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए धर्मार्थ कार्य विभाग के अधिकारी पोर्टल के लिए जरिए मंदिरों में किए जाने वाले कार्यों की निगरानी करेंगे। इसके साथ ही पर्यटकों को इन प्राचीन मंदिरों की सारी जानकारी भी पोर्टल के जरिए मिल सकेगी।