Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकता है मोटापा, जानें-क्या कहते हैं विशेषज्ञ

    By Vikas MishraEdited By:
    Updated: Sat, 20 Nov 2021 08:18 AM (IST)

    मोटापा यूं तो कई बीमारियों की जड़ होता है लेकिन यदि यह ज्यादा बढ़ जाए तो आपकी जान पर भी बन सकता है कुछ लोग मोटापा और बढ़े हुए वजन के बीच में फर्क नहीं कर पाते। विशेषज्ञ कहते हैं कि अधिक वजन होना मोटापा नहीं होता।

    Hero Image
    बेरियाट्रिक सर्जरी से एक व्यक्ति 60 से 80% तक वजन कम कर सकता है।

    लखनऊ, [रामांशी मिश्रा]। मोटापा यूं तो कई बीमारियों की जड़ होता है लेकिन यदि यह ज्यादा बढ़ जाए तो आपकी जान पर भी बन सकता है कुछ लोग मोटापा और बढ़े हुए वजन के बीच में फर्क नहीं कर पाते। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के गैस्ट्रो सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ अंशुमान पाण्डेय कहते हैं कि अधिक वजन होना, मोटापा नहीं होता। इसे समय रहते जीवन शैली में बदलाव कर कम किया जा सकता है, लेकिन जिस तरह अति हर चीज की बुरी होती है, वैसे ही जब यह बढ़ा हुआ वजन कम करने लायक न बचे तो यह बीमारी के साथ अभिशाप भी बन जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डॉ अंशुमान ने बताया कि मॉर्बिड ओबेसिटी एक ऐसी स्थिति होती है जब व्यक्ति के शरीर का वजन अनियंत्रित हो जाता है और साथ ही कई गंभीर बीमारियों को घर कर लेता है। ऐसी स्थिति में बेरियाट्रिक सर्जरी और मेटाबॉलिक सर्जरी से व्यक्ति के वजन को कम किया जा सकता है और सर्जरी के उपरांत मोटापा कम होने पर उन बीमारियों से निजात मिल जाती है। मॉर्बिड ओबेसिटी में मोटापे के साथ सांस की परेशानी, हृदयरोग, गठिया, डायबिटीज जैसी बीमारियां शामिल होती हैं। इसके अलावा नित्य कर्म करने में दिक्कत, पेशाब रोकने में परेशानी होने लगती है। साथ ही माइग्रेन, पीसीओडी और यहां तक की क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज (सीओपीडी) की परेशानी तक मरीज के जीवन काल को कम कर देता है।

    डॉ अंशुमान कहते हैं कि लोहिया संस्थान में बने गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में बेरियाट्रिक सर्जरी और मेटाबॉलिक सर्जरी से कई मरीजों ने अपना वजन कम करके बीमारियों को दूर भगाया है। इनमें से कई मरीजों की उम्र 30 से 40 वर्ष के बीच होती है। यह भी एक बहुत बड़ा पहलू है कि यह सर्जरी उन्हीं लोगों की की जाती है जिनके पास वजन को नियंत्रित करने का कोई और विकल्प नहीं बचता। उन्होंने बताया कि संस्थान में आने वाले मरीजों में 90% मरीजों को मोटापा नियंत्रण करने के बाद डायबिटीज जैसी बीमारी के लिए इंसुलिन लेने की जरूरत नहीं रह गई। वह या तो दवाओं पर थे या मैंने फिर 'ऑफ इंसुलिन' यानी इंसुलिन नहीं ले रहे थे। उन्होंने बताया कि बेरियाट्रिक सर्जरी से एक व्यक्ति 60 से 80% तक वजन कम कर सकता है।

    हालांकि, इसके बाद उन्हें खानपान पर विशेष ध्यान रखना होता है और कम हुए वजन को बरकरार रखने के लिए भी लगातार डॉक्टरों की देखरेख में खानपान और एक्सरसाइज आदि करनी पड़ती है। डॉ अंशुमान कहते हैं कि कुछ बातों का ध्यान में रखने से न केवल बढ़े हुए वजन पर काबू पाया जा सकता है बल्कि मोटापे को भी शरीर से दूर किया जा सकता है। संतुलित आहार का हमेशा ध्यान रखें । खाने को हमेशा छोटे-छोटे किस्तों में खाएं लेकिन ध्यान रखें कि उनमें कैलोरी, चिकनाई और मीठा कम हो। आप जो भी खा रहे हो उसमें प्रोटीन इनटेक और कैलोरी इनटेक के बारे में एक रिकॉर्ड जरूर रखें। जंक फूड से दूरी बनाएं और कार्बोनेटेड ड्रिंक जैसे कि सोडा ,कोल्ड ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक का सेवन न करें।